रॉबर्ट क्लाइव का इतिहास | Robert Clive history in Hindi |

 

रॉवर्ट क्लाईव का इतिहास

*1742 में रॉवर्ट क्लाईव ईस्ट इंडिया कम्पनी में एक क्लर्क के रूप में भर्ती हुए थे परन्तु अपनी योग्यता के बल पर उन्होंने 1751 में अंग्रेजी सेना में कैप्टन का पद और 1757 में उन्हें बंगाल का गवर्नर बनाया गया था |

*भारत में अंग्रेजों की सत्ता स्थापित करने का श्रेय मुख्यता रॉवर्ट क्लाईव को ही दिया जाता है |

*23 जून 1757 ई. के प्लासी युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व रॉवर्ट क्लाईव ने ही किया था और इसी युद्ध से अंग्रेजों ने भारत में अपने शासन की पहली सीढ़ी पर कदम रख लिया था |

*प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुदौला और बंगाल में ईस्ट इंडिया कम्पनी के गवर्नर रॉवर्ट क्लाईव के मध्य हुआ था |

*इस युद्ध में सिराजुदौला की हार हुई क्योंकि उनके सेनापति मीर जाफ़र और दीवान दुर्लभ राय ने धोखा दिया था |

*नवम्बर 1759 में वेदरा का युद्ध रॉवर्ट क्लाईव और डचों के मध्य हुआ था जिसमें रॉवर्ट क्लाईव की जीत हुई और ऐसा माना जाता है कि वेदरा युद्ध से ही भारत में डचों का पतन शुरू हो गया था |

*फरवरी 1760 में कुछ स्वास्थ्य कारणों के चलते रॉवर्ट क्लाईव वापस इंग्लैंड चले गए थे |

*रॉवर्ट क्लाईव का पहला कार्यकाल 1757 – 1760 के मध्य में था |

रॉवर्ट क्लाईव का दूसरा कार्यकाल

*1765 में रॉवर्ट क्लाईव को दोवारा से बंगाल का गवर्नर और कलकत्ता की सिलेक्ट कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया |

*1765 में ही मीर जाफ़र की मृत्यु हो गई और रॉवर्ट क्लाईव ने उसके पुत्र नज्म उद दौला को बंगाल का नवाब बनाया लेकिन सारे अधिकार अपने पास रखे |

*इस तरह से बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना हुई जिसमें नवाब का काम केवल बंगाल में शासन करना था और ईस्ट इंडिया कम्पनी का काम राजस्व वसूलना, सैना सम्बन्धी कार्य और विदेशी मामलों के कार्यों की देख रेख करना होता था |

*इसी को इतिहास में द्वैध शासन कहा गया है जो सर्वप्रथम बंगाल में लागू हुआ था |

*12 अगस्त 1765 को रॉवर्ट क्लाईव और दिल्ली के मुग़ल शासक शाहआलम द्वितीय  के मध्य इलाहाबाद की पहली संधि हुई |

*इस संधि से रॉवर्ट क्लाईव को विहार तथा उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हुई और इस तरह से द्वैध शासन की व्यवस्था बंगाल से विहार और उड़ीसा में भी स्थापित हुई |

*16 अगस्त 1765 ई. को रॉवर्ट क्लाईव और अवध के नवाब शुजाउद्दौला के मध्य इलाहाबाद की दूसरी संधि हुई |

*इस संधि से रॉवर्ट क्लाईव को अवध में मुफ़्त व्यापार करने का अधिकार तथा अवध में अंग्रेजी सेना रखने का अधिकार प्राप्त हो गया था |

*1765 में ही रॉवर्ट क्लाईव ने ईस्ट इंडिया कम्पनी में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सभी अधिकारियों और सैनिकों से एक प्रतिज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर करने का आदेश दिया था जिसका सैनिकों ने विरोध किया |

*इसी विरोध को इतिहास में श्वेत-विद्रोह का नाम दिया गया है |

*रॉवर्ट क्लाईव के आदेश पर अधिकतर ईस्ट इंडिया कम्पनी के सैनिकों ने त्याग पत्र दे दिए थे |

*रॉवर्ट क्लाईव ने सभी के त्याग पत्र स्वीकार कर फौरन मद्रास से नए सैनिक बुलवाए थे |

*रॉवर्ट क्लाईव ने सैनिक सुधार के लिए क्लाईव फण्ड नामक एक संस्था की स्थापना की जिससे सैनिकों को सेवानिवृति के बाद कुछ पेंशन मिल सके |

*1767 में रॉवर्ट क्लाईव वापस इंग्लैंड चले गए और 2 नवम्बर 1774 को रॉवर्ट क्लाईव ने आत्म हत्या कर ली थी |

*रॉवर्ट क्लाईव का दूसरा कार्यकाल 1765 – 1767 के मध्य में था |

बरेलास्ट या बल्सर्ट का इतिहास

*1767 में बरेलास्ट/बल्सर्ट को बंगाल का गवर्नर बनाया गया और इसके समय में प्रथम मैसूर युद्ध हुआ था |

*1769 में बरेलास्ट को वापस इंग्लैंड बुला किया गया था |

*बरेलास्ट का कार्यकाल 1767 – 1769 के मध्य में था |

कार्टियर का इतिहास

*1769 में कार्टियर को बंगाल का गवर्नर बनाया गया |

*कार्टियर के समय 1770 में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा था |

*1772 में कार्टियर का कार्यकाल समाप्त हो गया और उसके स्थान पर वारेन हेस्टिंग्स को गवर्नर बनाकर भेजा गया था |

*कार्टियर का कार्यकाल 1769 – 1772 के मध्य में था |

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प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye

मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu

आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3

सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD