मिन्हाज उस सिराज का इतिहास | तबक़ात ए नासिरी ग्रंथ | Minhaj i Siraj Ka Itihas |

मिन्हाज़ उस सिराज़ का इतिहास

*मिन्हाज़ उस सिराज़ का जन्म 1193 ई. में अफ़गानिस्तान के फिरोज़कोह में हुआ था |

*मिन्हाज़ उस सिराज़ का पूरा नाम अबू उस्मान मिन्हाज़ुद्दीन बिन सिराज़ुद्दीन था |

*मिन्हाज़ उस सिराज़ के पिता मुहम्मद ग़ोरी की सेना में अध्यात्मिक गुरु के पद पर काम किया करते थे |

*मिन्हाज़ उस सिराज़ को सबसे पहले नासिरुद्दीन कुबाचा ने उच्छ के मदरसा में, शिक्षक के पद पर नियुक्त किया था |

*इल्तुतमिश ने जब कुबाचा को पराजित किया तो तो उसी समय इल्तुतमिश की मुलाकात मिन्हाज़ उस सिराज़ से हुई थी |

*इल्तुतमिश, मिन्हाज़ उस सिराज़ को दिल्ली लाए और अपना संरक्षण प्रदान किया |

*1231 में इल्तुतमिश ने ग्वालियर पर आक्रमण किया उस, मिन्हाज़ उस सिराज़ उनके साथ थे और ग्वालियर पर अधिकार करने के बाद इल्तुतमिश ने मिन्हाज़ उस सिराज़ को ग्वालियर में काज़ी तथा इमाम के पद पर नियुक्त किया था |

*रज़िया के शासनकाल में मिन्हाज़ उस सिराज़ को दिल्ली में मदरसे का प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया था |

*बहरामशाह के शासनकाल में मिन्हाज़ उस सिराज़ को मुख्य काज़ी के पद पर नियुक्त किया गया |

*नासिरुद्दीन महमूद के शासनकाल में मिन्हाज़ उस सिराज़ को दरबारी कवि बनाया गया था |

*मिन्हाज़ उस सिराज़ के द्वारा लिखा गया तबकात ए नासिरी ग्रन्थ, नासिरुद्दीन महमूद को ही समर्पित है |

*तबक़ात ए नासिरी में नासिरुद्दीन महमूद को दिल्ली का सबसे आदर्श सुल्तान बताया गया है |

*मिन्हाज़ उस सिराज़ की मृत्यु दिल्ली में, बलबन के शासनकाल में हुई थी |

तबक़ात ए नासिरी

*तबक़ात ए नासिरी की रचना फ़ारसी भाषा में मिन्हाज़ उस सिराज़ के द्वारा 13वी शताब्दी में की गई थी |

*तबक़ात ए नासिरी मुहम्मद ग़ोरी की भारत विजय, क़ुतुबुद्दीन ऐबक तथा बख्तियार खिलज़ी के द्वारा किए गए आक्रमणों की जानकारी देता है |

*तबक़ात ए नासिरी 23 अध्यायों में विभक्त है जिसमें तराइन के युद्ध, नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय आदि को ध्वस्त करने की जानकारी भी प्रदान की गई है |

*मिन्हाज़ उस सिराज़ के द्वारा तबक़ात ए नासिरी ग्रन्थ की रचना 1227 से 1259 के मध्य में की गई थी |

*तबक़ात ए नासिरी में इल्तुतमिश के बारे में लिखा है कि - कोई भी राजा इतना दयावान, विद्वानों और वृद्धों के प्रति सहानुभूति रखने वाला नहीं हुआ..!

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