रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्या कांड | Rowlatt Act and Jallianwala Bagh |

 

रॉलेट एक्ट

*रॉलेट एक्ट को मार्च 1919 में वायसराय लार्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल में पारित किया गया था |

*ब्रिटिश सरकार ने 1917 में सर सिडनी रॉलेट की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था जिसका प्रमुख कार्य ये बताना था कि अपराधियों तथा संदिग्ध व्यक्तियों के लिए भारत में किस प्रकार के कानून की जरूरत है |

*इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 1918 में प्रस्तुत की और इसी कमेटी के द्वारा दिए गए सुझाओं के आधार पर ही केन्द्रीय विधानमण्डल में फरवरी 1919 में, दो विधेयक प्रस्तुत किए गए जिसमें एक विधेयक को वापस ले लिया गया था तथा दूसरे विधेयक क्रांतिकारी एवं अराजकतावादी अधिनियम (रॉलेट एक्ट) को 18 मार्च 1919 को पारित कर दिया गया था |

*क्रांतिकारी एवं अराजकतावादी अधिनियम (रॉलेट एक्ट) की अवधि तीन वर्ष निश्चित की गई थी |

*क्रांतिकारी एवं अराजकतावादी अधिनियम को ही रॉलेट एक्ट या काला कानून के नाम से इतिहास में जाना जाता है |

*रॉलेट एक्ट को ही बिना वकील, बिना अपील और बिना दलील का कानून भी कहा जाता है क्योंकि इस एक्ट में वकील, अपील व दलील का कोई भी काम नहीं था |

*महात्मा गाँधी ने रॉलेट एक्ट के विरोध में 6 अप्रैल 1919 को पूरे देश में हड़ताल का आयोजन किया था |

*8 अप्रैल 1919 को हरियाणा ने पलवल से महात्मा गाँधी को गिरफ्तार कर बम्बई भेज दिया गया था |

*10 अप्रैल 1919 को डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू ने महात्मा गाँधी की गिरफ्तारी के विरोध में शांतिपूर्ण आन्दोलन किया परन्तु पुलिस ने दोनों नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया |

जलियांवाला बाग हत्या कांड

*महात्मा गाँधी, डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के बाद आन्दोलन करने तथा जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया |

*इसी दौरान पुलिस और आन्दोलनकारियों के मध्य झड़प हो गई | आन्दोलनकारियों ने सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया जिसमें 5 अंग्रेजों की जान चली गई |

*13 अप्रैल 1919 को शाम 4 बजे अमृतसर के जलियांवाला बाग में आन्दोलनकारियों ने एक सभा का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्या में आन्दोलनकारी शामिल हुए परन्तु इस सभा के आयोजन की जानकारी जनरल डायर को हुई तो वह पुलिस को साथ लेकर जलियांवाले बाग में पहुँच गया | सभी आन्दोलनकारियों को आदेश दिया कि वह सभा का आयोजन जल्द से जल्द बंद कर दें लेकिन हंसराज अपना भाषण देते रहे उन्होंने जनरल डायर के आदेश का पालन नहीं किया |

*इसी कारण जनरल डायर को भयानक गुस्सा आया और उसने सिपाहियों को गोली चलाने का आदेश दे दिया जिसमें 1500 से भी ज्यादा गोलियां चलाई गईं |

*इस हत्या कांड में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 379 और सामान्य आंकड़ों के अनुसार 1000 आन्दोलनकारियों की मृत्यु हुई थी |           

*इस हत्याकांड के बाद रबीन्द्रनाथ टैगोर ने सर की उपाधि, जमनालाल ने रायबहादुर की उपाधि और महात्मा गाँधी ने कैसर ए हिन्द की उपाधि वापस कर दी थी |

*जलियांवाला बाग हत्या कांड की जाँच के लिए अक्टूबर 1919 में लार्ड हंटर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया जिसमें 5 अंग्रेज और 3 भारतीय सदस्य थे |

1.लार्ड हण्टर  2.जीस्टस रैस्किन  3.W.F. राइस  4.मेजर जनरल सर जार्ज बैरो  5. सर टॉमस स्मिथ  6.सर चिमनलाल सीतलवाड़  7.साहबजादा सुल्तान अहमद  8.जगत नारायण

*इस कमेटी के द्वारा मार्च 1920 में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें जनरल डायर को मुख्य दोषी माना गया था परन्तु ब्रिटिश अख़बारों ने जनरल डायर को ब्रिटिश साम्राज्य का शेर कहा था |

*जलियांवाला बाग हत्या कांड की जाँच के लिए कांग्रेस की ओर से भी एक कमेटी बनाई गई थी जिसे तहकीक कमेटी के नाम से जाना जाता है |

*माइकल ओ डायर की मार्च 1940 में सरदार उधमसिंह के द्वारा लन्दन में हत्या कर दी गई थी |

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