लॉर्ड चेम्सफोर्ड का इतिहास | Lord Chelmsford history in hindi |

 

लॉर्ड चेम्सफोर्ड का इतिहास 

*लॉर्ड चेम्सफोर्ड का जन्म 12 अगस्त 1868 को लन्दन में हुआ था |

*लॉर्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल में बाल गंगाधर तिलक के द्वारा बेलगाँव में एक प्रान्तीय सम्मलेन के दौरान अप्रैल 1916 में होम रूल लीग की स्थापना करने की और सितम्बर 1916 में एनी बेसेंट के द्वारा मद्रास में होम रूल लीग की स्थापना की गई |

*पुणे होम रूल लीग की स्थापना बाल गंगाधर तिलक के द्वारा की गई थी और मद्रास होम रूल लीग की स्थापना एनी बेसेंट के द्वारा की गई थी |

*होम रूल लीग, कांग्रेस की सहायक संस्था के रूप में कार्य करती थी और इसका उद्देश्य स्वराज की प्राप्ति था |

*लॉर्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल में ही, पहला महिला विश्वविद्यालय 5 जुलाई 1916 को डॉ. केशव कर्वे के सहयोग से खोला गया था |

*लॉर्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल 1916 में, कांग्रेस का 32वाँ अधिवेशन लखनऊ में हुआ जिसमें कांग्रेस व मुस्लिम लीग के मध्य समझौता हुआ लेकिन इस समझौते का विरोध मदन मोहनमालवीय ने किया तथा इस अधिवेशन की अध्यक्षता अम्बिका चरण मजूमदार के द्वारा की गई थी |

*अगस्त 1917 में भारत के सचिव मोंटेग्यू के द्वारा एक घोषणा की गई |

*जुलाई 1918 में मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसे कांग्रेस के उदारवादी नेताओं ने भारत का मेग्नाकार्टा कहा था |

मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड रिपोर्ट के प्रमुख प्रावधान

1.स्थानीय स्वशासन के क्षेत्र में जनता का पूरा नियंत्रण हो |

2.स्थानीय संस्थाओं को बाहरी नियंत्रण से अधिक स्वतंत्रता हो |

3.भारत सरकार पूर्ण रूप से ब्रिटिश पार्लियामेंट के प्रति उत्तरदायी हो

4.द्वैध शासन लागू करने की व्यवस्था हो |

*मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड रिपोर्ट के आधार पर ही भारत शासन अधिनियम 1919 को पारित किया गया जिसे मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम भी कहा जाता है |

भारत शासन अधिनियम 1919 के प्रमुख प्रावधान

1.केंद्र में द्विसदनीय विधायिका की स्थापना की गई |

2.प्रान्तों में द्वैध शासन की व्यवस्था लागू की गई |

3.लोक सेवा आयोग का गठन किया गया |

4.भारत में पहली बार कुछ विशेष महिलाओं को वोट देने का अधिकार प्रदान किया गया |

5.महालेखा परीक्षक की नियुक्ति का अधिकार भारत सचिव को प्रदान किया गया था |

6.वायसराय की परिषद् में भारतीय सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया था |

7.मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम को भारत में अंतिम रूप से 1921 में लागू किया गया था | 

*लॉर्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल 1917 में, सर माइकल सेडलर की अध्यक्षता में, सेडलर विश्वविद्यालय आयोग का गठन किया गया था |

सेडलर विश्वविद्यालय आयोग के प्रमुख प्रावधान

1.सेडलर विश्वविद्यालय आयोग का प्रमुख उद्देश्य शिक्षा में सुधार के लिए सुझाव देना था |

2.सेडलर विश्वविद्यालय आयोग में डॉ. आशुतोष मुखर्जी और डॉ.जियाउद्दीन अहमद दो भारतीय सदस्य थे |

3.माध्यमिक शिक्षा 12 वर्ष में पूरी होने चाहिए |

4.विश्वविद्यालय को ऐसा बनाया जाए जहाँ पर विद्यार्थियों और शिक्षकों के रहने की व्यवस्था हो |

5.महिलाओं को शिक्षा देने के लिए सरकार विशेष प्रावधान करे |

6.कलकत्ता में शिक्षा विभाग की स्थापना की जाए |

7.शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए स्कूल खोले जाएँ |

8.वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए |

*लॉर्ड चेम्सफोर्ड के कार्यकाल मार्च 1919 में, रॉलेट एक्ट को भारत में लागू किया गया था |

क्या है रॉलेट एक्ट?

*1916/17 में ब्रिटिश सरकार के द्वारा भारत में अपराध को कम करने के लिए सर सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया |

*इस समिति ने अपनी रिपोर्ट 1918 में प्रस्तुत की और इसी समिति की सिफ़ारिश पर फरवरी 1919 क्रांतिकारी एवं अराजकता अपराध अधिनियम विधेयक लाया गया जिसे 18 मार्च 1919 को पारित करके क़ानून बना दिया गया | बाद में इसी कानून को रौलेट एक्ट का नाम दिया गया |

*21 मार्च 1919 को रौलेट एक्ट को भारत में लागू किया गया जिसका बहुत विरोध हुआ |

*महात्मा गाँधी ने रौलेट एक्ट को काला कानून कहा था |

*30 मार्च और 6 अप्रैल 1919 को पूरे देश में हड़ताल हुई और 10/11 अप्रैल 1919 को अमृतसर में डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू के नेतृत्व में क्रांतिकारी आन्दोलन हुआ जिसमें अन्दोंलनकारियों ने नेशनल बैंक, बाजार, अस्पताल आदि स्थानों को आग के हवाले कर दिया गया |

*हिंसा फ़ैलाने के आरोप में डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और दोवारा से हिंसा ना हो इसके लिए पूरे अमृतसर में जुलुस निकालने, सभा करने और आन्दोलन करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया |

*आन्दोलनकारियों ने 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियावाले बाग में एक सभा का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्या में आन्दोलनकारी शामिल हुए |

*अमृतसर शहर के ब्रिगेडियर रेजिनाल्ड एडवर्ड हैरी डायर को इस सभा की जानकारी हुई तो वह पुलिस को लेकर जलियावाले बाग में पहुँच गया और सभी आन्दोलनकारियों को आदेश दिया कि वो जल्द से जल्द इस सभा का आयोजन बन्द कर दें हंसराज अपना भाषण देते रहे उन्होंने डायर के आदेश का कोई पालन नहीं किया |

*इसी से जनरल डायर इतना क्रोधित हुआ हुआ कि उसने सभी सिपाहियों को गोली चलाने का आदेश दे दिया जिसमें लगभग 1500 से ज्यादा गोलियां चलाई गई और 1000 से भी ज्यादा आन्दोलनकारी शहीद हो गए |

*इस घटना के बाद रबीन्द्रनाथ टैगोर ने सर की उपाधि, जमनालाल बजाज ने राय बहादुर की उपाधि और महात्मा गाँधी ने कैसर ए हिन्द की उपाधि वापस कर दी थी |

*इसकी जाँच के लिए 19 अक्टूबर 1919 को लार्ड हण्टर की अध्यक्षता में 5 सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया गया था |

रॉलेट एक्ट के प्रमुख प्रावधान

1.रौलेट एक्ट के द्वारा पुलिस के अधिकारों में वृद्धि कर दी गई थी |

2.किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना मुकदमा के जेल में डालने का अधिकार भी पुलिस को प्रदान किया गया था |

3.रौलेट एक्ट को बिना वकील, बिना अपील और बिना दलील का कानून भी कहा है |

*अप्रैल 1921 में लॉर्ड चेम्सफोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया था |

*लॉर्ड चेम्सफोर्ड का कार्यकाल अप्रैल 1916 से अप्रैल 1921 के मध्य में था |

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