चार्ल्स मेटकॉफ़ का इतिहास | भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता | Charles Metcalfe history in Hindi |

 

चार्ल्स मेटकॉफ़ का इतिहास

*चार्ल्स मेटकॉफ़ का जन्म 30  जनवरी 1785 को भारत के कोलकाता शहर में हुआ था |

*चार्ल्स मेटकॉफ़ का पूरा नाम चार्ल्स थियोफिलस मेटकॉफ़ था |

*लार्ड वेलेजली के द्वारा चार्ल्स मेटकॉफ़ को सबसे पहले सिंधिया के दरबार में रेजिडेंट के सहायक पद पर नियुक्त किया गया था |

*चार्ल्स मेटकॉफ़ को ही आगरा प्रान्त का सबसे पहला गवर्नर नियुक्त किया गया था |

*1809 में लार्ड मिन्टो प्रथम के द्वारा चार्ल्स मेटकॉफ़ को अपना राजदूत बनाकर महाराजा रणजीत सिंह के पास भेजा था |

*25 अप्रैल 1809 को महाराजा रणजीत सिंह और चार्ल्स मेटकॉफ़ के मध्य अमृतसर की संधि हुई थी |

*भरतपुर के किले को नष्ट करने में चार्ल्स मेटकॉफ़ की प्रमुख भूमिका थी |

*1827 में चार्ल्स मेटकॉफ़ को नाईट की उपाधि से सम्मानित किया गया था |

*चार्ल्स मेटकॉफ़ ने अपने एक वर्षीय कार्यकाल के दौरान समाचार पत्रों पर लगे प्रतिबन्धों को समाप्त कर उन्हें स्वतंत्र कर दिया था |

*इसीलिए चार्ल्स मेटकॉफ़ को भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता भी कहा जाता है |

*चार्ल्स मेटकॉफ़ की मृत्यु 5 सितम्बर 1846 को ब्रिटेन में हुई थी |               

*चार्ल्स मेटकॉफ़ का कार्यकाल 1835 – 1836 तक था |

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