सरदार वल्लभभाई पटेल नहीं होते तो आज हमारा देश कैसा होता | Sardar Vallabhbhai Patel |

 


आज मैं आपको पढ़ाने वाला हूं लौहपुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में | सरदार वल्लभ भाई पटेल को कौन नहीं जानता, पूरी दुनिया उन्हें जानती है | अक्टूबर 2018 में गुजरात के भरूच में, सरदार वल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति लगवाई गई थी, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से जाना जाता है | क्या आप जानते हैं कि सरदार वल्लभ भाई पटेल कौन थे ? उनका जन्म कहां हुआ था ? उन्होंने देश के लिए क्या किया ?

 

सरदार वल्लभ भाई पटेल 

 

*31 अक्टूबर 1875 को सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म हुआ था और उनके पिता का नाम झेवरभाई पटेल था | वल्लभ भाई पटेल ने अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद वकालत शुरू की और कुछ समय बाद बेरिस्टर बनने के लिए वो इंग्लैंड गए | 1913 में इंग्लैंड से लौटने पर वल्लभ भाई पटेल ने अहमदाबाद में वकालत शुरू की और जल्द ही मुख्य फौजदारी वकील बन गए थे |

 

वल्लभ भाई पटेल ने अपना राजनीतिक सफर 1916 से शुरू किया था और 1918 की अहमदाबाद मजदूर हड़ताल में वो महात्मा गांधी के मुख्य सहायक रहे | 1928 में वल्लभभाई पटेल ने बारदोली आंदोलन चलाया और उसकी सफलता के बाद वहां की महिलाओं की तरफ से महात्मा गांधी ने वल्लभ भाई पटेल कोसरदारकी उपाधि प्रदान की थी  |

 

1931 में सरदार वल्लभभाई पटेल कांग्रेस के सभापति चुने गए और 1932 से 1934 के मध्य वो जेल में रहे | 1935 से 1940 के मध्य सरदार वल्लभभाई पटेल कांग्रेस की संसदीय उप समिति के सभापति रहे और उन्होंने उस दौरान कांग्रेस के सदस्यों में एकता कायम करने का खूब प्रयास किया | 1946 में सरदार वल्लभ  भाई पटेल को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा बनाई गई अंतरिम सरकार में गृह मंत्री बनाया गया था |

 

आजादी के बाद सरदार वल्लभ  भाई पटेल को उप प्रधानमंत्री बनाया गया और गृह मंत्रालय, रियासत मंत्रालय तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई थी | सरदार वल्लभ भाई पटेल ने उस समय देश की तमाम रियासतों को इकट्ठा करके भारतीय संघ में शामिल किया था | आज हम जिस भारत को देख रहे हैं अंग्रेज 559 रियासतों में बाँट गए थे लेकिन सरदार वल्लभ  भाई पटेल ने सभी रियासतों को इकट्ठा करके भारतीय संघ में शामिल कराया और देश में एकता की मिसाल कायम की थी, इसीलिए सरदार वल्लभ  भाई पटेल को लौह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है |

 

सरदार वल्लभ  भाई पटेल की मृत्यु 15 दिसंबर 1950 को हुई थी और उनकी मृत्यु पर इंग्लैंड के अखबारों ने लिखा थासरदार पटेल के बिना पंडित जवाहरलाल नेहरु के आदर्शवाद का क्षेत्र कम हो जाता है” | सरदार वल्लभ  भाई पटेल स्वतंत्रता संग्राम के संगठन करता ही नहीं थे बल्कि संग्राम की समाप्ति पर नए भारत के निर्माता भी थे और 1991 में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था |

 

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 

 

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात के नर्मदा जिले में बनी हुई है और ये विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति है, जिसकी लंबाई 182 मीटर अर्थात 597 फीट है | स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कार्य 31 अक्टूबर 2013 से प्रारंभ हुआ था और अक्टूबर 2018 में इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया था | स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 31 अक्टूबर 2018 को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन पर किया गया था  |

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