मौखिरि वंश का इतिहास | Complete History Of Maukhari Dynasty |

मौखिरि वंश का परिचय   

मौखिरि वंश के प्रारम्भिक राजा गुप्त राजाओं के सामंत थे और मूल रूप से विहार के गया जिले से सम्बंधित थे | मौखिरि वंश की राजधानी उत्तर प्रदेश के कन्नौज में थी और उस समय कन्नौज को महोदय नगर के नाम से जाना जाता था | मौखिरि वंश के पहले राजा हरि वंर्मा और अंतिम राजा ग्रह वर्मा थे क्योंकि ग्रह वर्मा की मृत्यु के बाद कन्नौज का राज्य हर्षवर्धन के अधीन चला गया था |

मौखिरि वंश के ऐतिहासिक स्त्रोत

*मौखिरि वंश का इतिहास साहित्य और पुरातत्व दोनों में प्राप्त होता है |

*बाणभट्ट के द्वारा लिखे गए हर्षचरित ग्रन्थ में भी मौखिरि वंश का इतिहास मिलता है |

*उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से प्राप्त हरहा लेख में भी मौखिरि वंश के कुछ राजाओं का उल्लेख मिलता है |

*उत्तर प्रदेश के अयोध्या से मौखिरि वंश की मुद्राओं का ढेर उत्खननकर्ताओं को प्राप्त हुआ था |

हरिवर्मा

*हरि वर्मा मौखिरि वंश के पहले राजा थे और संभवता उन्होंने 510 ई. से अपना शासन शुरू किया था |

*हरि वर्मा की रानी का नाम भट्टारिका देवी जयस्वामिनी था |

*हरि वर्मा ने महाराज की उपाधि धारण की थी जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि हरि वर्मा गुप्त राजाओं के सामंत थे |

*हरि वर्मा की प्रशंसा उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से प्राप्त हरहा लेख में की गई है |

आदित्य वर्मा

*आदित्य वर्मा, हरि वर्मा के पुत्र तथा उत्तराधिकारी थे |

*असीरगढ़ लेख के अनुसार आदित्य वर्मा की माता का नाम भट्टारिका देवी जयस्वामिनी था |

*आदित्य वर्मा का विवाह गुप्त वंशीय राजकुमारी हर्षा गुप्त के साथ हुआ था |

*आदित्य वर्मा ने महाराज की उपाधि धारण की थी |

ईश्वर वर्मा

*ईश्वर वर्मा, आदित्य वर्मा के पुत्र तथा उत्तराधिकारी थे |

*उत्तर प्रदेश के जौनपुर लेख में ईश्वर वर्मा को सिंह के समान बताया गया है |

*ईश्वर वर्मा का विवाह गुप्त वंशीय राजकुमारी उपा गुप्त के साथ हुआ था |

*ईश्वर वर्मा ने मालवा और आन्ध्र पर विजय प्राप्त की थी |

*ईश्वर वर्मा ने भी महाराज की उपाधि धारण की थी |

ईशान वर्मा

*ईशान वर्मा, ईश्वर वर्मा के पुत्र तथा उत्तराधिकारी थे |

*ईशान वर्मा का शासनकाल 550 – 574 ई. के मध्य में माना जाता है |

*ईशान वर्मा मौखिरि वंश के पहले स्वतंत्र राजा थे |

*ईशान वर्मा की माता का नाम उपा गुप्त था |

*ईशान वर्मा ने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी |

*ईशान वर्मा की विजयों का उल्लेख उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से प्राप्त हरहा लेख में किया गया है |

सर्व वर्मा

*सर्व वर्मा, ईशान वर्मा के पुत्र तथा उत्तराधिकारी थे |

*सर्व वर्मा का शासनकाल 574 – 586 ई. के मध्य माना जाता है |

*सर्व वर्मा का वास्तविक नाम सूर्य वर्मा था |

*सर्व वर्मा ने मगध पर विजय प्राप्त की थी |

*सर्व वर्मा ने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी |

अवंति वर्मा

*अवंति वर्मा, सर्व वर्मा के पुत्र और उत्तराधिकारी थे |

*अवंति वर्मा का शासनकाल 586 – 600 ई. के मध्य माना जाता है |

*अवंति वर्मा की प्रशंसा हर्षचरित ग्रन्थ में की गई है और सभी मौखिरि राजाओं में अवंति वर्मा को सबसे शक्तिशाली राजा बताया गया है |

*अवंति वर्मा के शासनकाल में मौखिरि राजवंश की सीमाएँ विहार तक लगती थीं |

*अवंति वर्मा ने संभवता उत्तर गुप्त राजाओं को अपने अधीन कर लिया था |

ग्रह वर्मा

*ग्रह वर्मा, अवंति वर्मा के पुत्र तथा उत्तराधिकारी थे |

*ग्रह वर्मा का शासनकाल 600 – 605 ई. के मध्य माना जाता है |

*ग्रह वर्मा को मौखिरि वंश का अंतिम राजा माना जाता है |

*ग्रह वर्मा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी बाणभट्ट के हर्षचरित ग्रन्थ में मिलती है |

*ग्रह वर्मा का विवाह थानेश्वर के राजा प्रभाकर वर्धन की पुत्री और हर्षवर्धन की बहिन राज्यश्री के साथ हुआ था |

*मालवा के राजा देवगुप्त और बंगाल के राजा शशांक ने कन्नौज पर आक्रमण करके ग्रह वर्मा की हत्या कर राज्यश्री को बंदी बना लिया था |

*ग्रह वर्मा की मृत्यु के बाद हर्षवर्धन ने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया और अपनी बहिन राज्यश्री के साथ मिलकर वही से शासन किया था |   

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प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye

मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu

आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3

सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD