लॉर्ड लिनलिथगो का इतिहास | lord linlithgow history in hindi |

लॉर्ड लिनलिथगो का इतिहास

*लॉर्ड लिनलिथगो का जन्म 24 सितम्बर 1887 को लन्दन में हुआ था |

*भारत शासन अधिनियम 1935 के तहत, वर्ष 1937 में प्रान्तीय चुनाव हुए जिसमें अधिकत्तर राज्यों में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी थी |

*लॉर्ड लिनलिथगो के कार्यकाल में ही द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से शुरू हो गया था |                           

द्वितीय विश्व युद्ध के प्रमुख तथ्य        

*द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत 1 सितम्बर 1939 से हुई थी जिसमें पूरा विश्व दो भागों में विभाजित हो गया था | एक तरफ मित्र राष्ट्र और दूसरी तरफ धुरी राष्ट्र थे |

*मित्र राष्ट्रों में प्रमुख देश फ़्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया थे तथा धुरी राष्ट्रों में प्रमुख देश जर्मनी, इटली और जापान थे |

*द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी वायु सेना के द्वारा 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर लिटिल बॉय नामक परमाणु बम गिराया और 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर फैटमेन नामक परमाणु बम गिराया |

*इन दोनों हमलों के दौरान जापान के 2 लाख से भी ज्यादा लोग मारे गए थे, द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों की जीत हुई थी और धुरी राष्ट्रों की हार हुई थी |

*द्वितीय विश्व युद्ध का अंत 2 सितम्बर 1945 को हुआ था |

*लॉर्ड लिनलिथगो के कार्यकाल 1939 में ही सुभाष चन्द्र बोस के द्वारा फॉरवर्ड ब्लॉक नाम से एक पार्टी की स्थापना की गई थी |

फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रमुख तथ्य

*1938 में सुभाष चन्द्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष थे, 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ जिसमें सुभाष चन्द्र बोस ने दोवारा से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा परंतु महात्मा गाँधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और राजेन्द्र प्रसाद ने उनके सामने पट्टाभि सीतारमैया को चुनाव लड़ा दिया क्योंकि महात्मा गाँधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और राजेन्द्र प्रसाद को लगता था कि सुभाषचंद्र बोस उग्र विचारों के व्यक्ति हैं इसीलिए दोवारा से कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना ठीक नहीं होगा लेकिन इस मुकाबले में सुभाष चन्द्र बोस की जीत हुई |

*इस जीत पर महात्मा गाँधी ने कहा था यह पट्टाभि सीतारमैया की हार नहीं बल्कि मेरी हार है | इसके कुछ दिनों के बाद सुभाषचंद्र बोस ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से त्याग पत्र दे दिया और मई 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक नाम से एक नई पार्टी की स्थापना की थी |

*लॉर्ड लिनलिथगो के कार्यकाल 1940 में मुस्लिम लीग का लाहौर में अधिवेशन हुआ, इस अधिवेशन में हयात खान के द्वारा बनाया गया एक प्रस्ताव लाया गया जिसे फज़लुल हक़ ने प्रस्तुत किया और इसी प्रस्ताव में पहली बार भारत से एक अलग राष्ट्र पाकिस्तान की मांग की गई थी |

*लॉर्ड लिनलिथगो के द्वारा 1940 में अगस्त प्रस्तवा लाया गया था |

अगस्त प्रस्ताव

*8 अगस्त 1940 को लॉर्ड लिनलिथगो के द्वारा एक घोषणा की गई थी जिसे अगस्त प्रस्ताव के नाम से जाना जाता है तथा इसमें मुस्लिमों के लिए संरक्षण देने की बात कही गई थी |

*अगस्त प्रस्ताव में कहा गया था कि अगर कोई कानून अल्पसंख्यकों के विरुद्ध या पक्ष में बनाया जाता है तो उससे पहले अल्पसंख्यकों की अनुमति लेना जरूरी है लेकिन कांग्रेस ने अगस्त प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया था |

*अगस्त प्रस्ताव के बाद नवम्बर 1940 में महात्मा गाँधी ने फिर से सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू कर दिया था |

*लॉर्ड लिनलिथगो के ही कार्यकाल में क्रिप्स मिशन, मार्च 1942 में भारत आया था |

क्रिप्स मिशन

*दरअसल, 11 मार्च 1942 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विन्सटन चर्चिल के द्वारा एक घोषणा गई जिसमें कहा गया था कि जल्द ही सर स्टेफोर्ड क्रिप्स की अध्यक्षता में एक मिशन भारत जाएगा |

*23 मार्च 1942 को सर स्टेफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में एक दल भारत पहुँचा जिसने द्वितीय विश्व युद्ध में सहायता पाने के लिए महात्मा गाँधी और मुहम्मद अली जिन्ना से मदद मांगी | इन सभी नेताओं से मिलने के बाद सर स्टेफोर्ड क्रिप्स ने 29 मार्च 1942 को क्रिप्स मिशन की घोषणा की  |

क्रिप्स मिशन की घोषणा के प्रमुख विशेषताएं

1.द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संविधान निर्माण करने वाली एक संविधान सभा का गठन किया जाएगा |

2.संविधान सभा का काम एक नया संविधान बनाना होगा जिसमें अल्पसंख्यकों तथा निचली जातियों को विशेष अधिकार दिए गए हों और इस संविधान को बनाते समय सभी प्रतिनिधियों की अनुमति लेना अनिवार्य है |

3.भारत के जो राजा नए संविधान से सहमत हों तो वह भारत के साथ रह सकते हैं अन्यथा वह स्वतंत्र भी रह सकते हैं |

4.जब तक नया संविधान पूर्ण रूप से नहीं बन जाता, तब तक भारत की सुरक्षा का उत्तरदायित्व ब्रिटिश सरकार के पास रहेगा |

*11 अप्रैल 1942 को क्रिप्स प्रस्ताव को वापस ले लिया गया क्योंकि इस प्रस्ताव को कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ने ही अस्वीकार कर दिया था |

*क्रिप्स प्रस्ताव के बारे में महात्मा गाँधी ने कहा था यह एक आगे की तारीख का चेक है जिसका बैंक नष्ट होने वाला है |

*लॉर्ड लिनलिथगो के कार्यकाल में ही, अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन शुरू हुआ था |

भारत छोड़ो आन्दोलन

*क्रिप्स प्रस्ताव, वापस लेने के बाद 14 जुलाई 1942 को कांग्रेस की कार्यकारिणी समिति के द्वारा वर्धा (महाराष्ट्र) में अंग्रेजों भारत छोड़ो का प्रस्ताव पारित किया गया और इसके बाद मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का एक विशेष अधिवेशन 8 अगस्त 1942 को हुआ जिसमें भारत छोड़ो आन्दोलन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई और इस प्रस्ताव के तुरन्त बाद महात्मा गाँधी सहित सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया |

*अक्टूबर 1943 में लॉर्ड लिनलिथगो का कार्यकाल समाप्त हो गया था |

*लॉर्ड लिनलिथगो का कार्यकाल अप्रैल 1936 से अक्टूबर 1943 के मध्य में था |

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