लॉर्ड रिपन का इतिहास | Lord Ripon history in Hindi |

 

लॉर्ड रिपन का इतिहास

*लॉर्ड रिपन का जन्म 24 अक्टूबर 1827 को लन्दन में हुआ था |

*लॉर्ड रिपन का पूरा नाम जॉर्ज फ्रेडरिक सैमुअल रॉबिन्सन था |

*लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में अनेक महत्वपूर्ण कार्य हुए, उन्हीं कार्यों में सबसे पहला कार्य 1881 में हुआ था |

*प्रत्येक 10 वर्ष के बाद जनगणना करवाने का प्रावधान किया गया भारत में पहली बार जनगणना लॉर्ड मेयो के कार्यकाल 1872 में हुई थी |

*लॉर्ड रिपन के कार्यकाल 1881 में ही प्रथम कारखाना अधिनियम लागू किया गया था |

प्रथम कारखाना अधिनियम की विशेषताएं

1.इस अधिनियम के तहत 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कारखानों के अन्दर काम करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था |

2.इसी अधिनियम के तहत 7 से 12 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को प्रति दिन 9 घंटे कार्य करना पड़ता था |

3.प्रत्येक महीने में 4 दिन की छुट्टी अनिवार्य कर दी गई थी |          

4.यह अधिनियम नील, कॉफ़ी और चाय की खेती पर लागू नहीं किया गया था |

5.यह अधिनियम उन कारखानों पर लागू होता था जहाँ पर 100 से अधिक लोग कार्य किया करते थे |

*लॉर्ड रिपन के कार्यकाल 1882 में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट या समाचार पत्र अधिनियम को समाप्त कर दिया गया था |

वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट की प्रमुख विशेषताएं

1.वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट मार्च 1878 में लॉर्ड लिटन के कार्यकाल में लागू किया गया था |

2.वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट के द्वारा सोम प्रकाश, आनंद मठ, भारत मिहिर और अमृत बाज़ार पत्रिका आदि समाचार पत्रों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था |

3.वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को लागू करने का मुख्य कारण, इन समाचार पत्रों में जनता को भड़काने वाली ख़बरें ही छपती थीं |

*लॉर्ड लिटन के कार्यकाल में सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आयु 21 वर्ष से कम करके 19 वर्ष कर दी गई थी परन्तु लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आयु 19 वर्ष से बढा कर 21 वर्ष कर दी गई थी |

*लॉर्ड रिपन के कार्यकाल मई 1882 में स्थानीय स्वशासन से सम्बंधित एक कानून का निर्माण किया गया था जिसके अनुसार स्थानीय स्वशासन की शुरुआत हुई और फिर गावों में बोर्ड बनाए गए और शहरों में नगरपालिकाओं का गठन किया गया था |

*लॉर्ड रिपन के ही कार्यकाल में विलियम हण्टर की अध्यक्षता में शैक्षिण सुधारों से सम्बंधित एक आयोग का गठन किया गया था |

*लॉर्ड रिपन के कार्यकाल फरवरी 1883 में इल्वर्ट विधेयक प्रस्तुत किया गया लेकिन अंग्रेजों ने इसका विरोध किया जिसे भारतीय इतिहास में स्वेत विद्रोह के नाम से जाना जाता है |

इल्वर्ट विधेयक की प्रमुख विशेषताएं

1.इल्वर्ट विधेयक के अनुसार भारतीय न्यायाधीशों को अंग्रेजों के विरुद्ध सुनवाई करने का प्रावधान किया गया था |

2.इस विधेयक के अनुसार भारतीय न्यायाधीशों को यूरोपीय कोर्ट में जज बनने का अधिकार प्रदान किया गया था |

3.अंग्रेजों के विरोध के कारण इस विधेयक को वापस ले लिया गया था |

*लॉर्ड रिपन को भारत का उद्धारक, फ्लोरेंस नाईटिंगेल ने कहा था |

फ्लोरेंस नाईटिंगेल कौन थी ?

फ्लोरेंस नाईटिंगेल का जन्म 12 मई 1820 को इटली के फ्लोरेंस शहर में हुआ था लेकिन इनकी मृत्यु 13 अगस्त 1910 को लन्दन में हुई थी वैसे तो फ्लोरेंस नाईटिंगेल को आधुनिक नर्सिंग आन्दोलन का जन्मदाता भी माना जाता है |

*दिसम्बर 1884 में लॉर्ड रिपन का कार्यकाल समाप्त हो गया था और वह वापस इंग्लैंड चले गए थे |

*9 जुलाई 1909 को लार्ड रिपन की मृत्यु हो गई थी |

*लॉर्ड रिपन का कार्यकाल जून 1880 से दिसम्बर 1884 के मध्य में था |

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