लॉर्ड हार्डिंग का इतिहास | लाहौर की संधि | Lord Hardinge history in Hindi |

 

लॉर्ड हार्डिंग का इतिहास

*लॉर्ड हार्डिंग का जन्म 20 जून 1858 को हुआ था |

*लॉर्ड हार्डिंग का पूरा नाम चार्ल्स बेरन हार्डिंग था |

*लॉर्ड हार्डिंग के कार्यकाल में सबसे महत्वपूर्ण कार्य नरबलि प्रथा पर प्रतिबन्ध माना जाता है क्योंकि उस समय भारत में नरबलि प्रथा का खूब प्रचलन था जिसमें देवताओं को खुश करने के लिए आदमियों की बलि दी जाती थी |

*लॉर्ड हार्डिंग के कार्यकाल के दौरान ही प्रथम आँग्ल सिक्ख युद्ध हुआ था जो 1845 - 1846 के मध्य चला था और इस युद्ध में अंग्रेजों की विजय हुई थी |

*इस युद्ध में सिक्खों की पराजय लालसिंह, तेजसिंह, गुलाबसिंह के विश्वासघात के कारण हुई थी इसीलिए मजबूर होकर सिक्खों ने अंग्रेजों के साथ लाहौर की संधि स्वीकार की थी |

*लाहौर की संधि 9 मार्च 1846 को सिक्ख एवं अंग्रेजों के मध्य हुई थी |

लाहौर संधि की प्रमुख शर्तें

1.लालसिंह को दिलीप सिंह का मंत्री और रानी झिंदन को उसकी संरक्षिका बना दिया |

2.लाहौर में अंग्रेजों की सेना रखी गई |

3.हेनरी लॉरेन्स को लाहौर में ब्रिटिश रेजीडेंट नियुक्त किया गया | 

*लॉर्ड हार्डिंग की मृत्यु 2 अगस्त 1944 को हुई थी |

*लॉर्ड हार्डिंग का कार्यकाल 1844 - 1848 के मध्य में था |

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