लॉर्ड डफरिन का इतिहास | Lord Dufferin history in Hindi |

लॉर्ड डफरिन का इतिहास           

*लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में तृतीय आंग्ल - बर्मा युद्ध हुआ था |

तृतीय आंग्ल - बर्मा युद्ध की प्रमुख विशेषताएँ

*तृतीय आंग्ल - बर्मा युद्ध 1885 – 1888 के मध्य में, बर्मा के कोनबौंग राजवंश और ब्रिटिश भारत के मध्य हुआ था जिसमें ब्रिटिश भारत की जीत हुई था |

*लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर 1885 मुम्बई में हुई थी |

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, वर्तमान भारत की एक राजनीतिक पार्टी है लेकिन इसके नेताओं का देश की आजादी में अहम् योगदान था इसीलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास को जानना जरूरी है | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर 1885 को मुम्बई में हुई थी और इसके संस्थापक सदस्यों में एलेन ओक्टेवियन ह्यूम (ए.ओ. ह्यूम), दादा भाई नौरोजी और दिनेश वाचा को माना जाता है |

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख अधिवेशन

*भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन 28 दिसम्बर 1885 को मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में आयोजित किया गया था और इसकी अध्यक्षता कोलकाता हाईकोर्ट के बैरिस्टर व्योमेशचन्द्र बनर्जी ने की थी |

*भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का तीसरा अधिवेशन 27/28 दिसम्बर 1887 को मद्रास में आयोजित किया गया था और इस अधिवेशन की अध्यक्षता सैय्यद बदरुद्दीन तैयबजी ने की थी |

*भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का चौथा अधिवेशन 28/29 दिसम्बर 1888 को इलाहाबाद में आयोजित किया गया था और इस अधिवेशन की अध्यक्षता जार्ज यूल के द्वारा की गई थी |

*लॉर्ड डफरिन का कार्यकाल दिसम्बर 1884 से दिसम्बर 1888 के मध्य में था |

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