लॉर्ड डलहौजी का इतिहास | हड़प नीति | भारतीय रेल्वे का जनक | Lord Dalhousie history in Hindi |


लॉर्ड डलहौजी का इतिहास

*लार्ड डलहौजी का जन्म 22 अप्रैल 1812 को ब्रिटेन में हुआ था |

*लॉर्ड डलहौजी को अर्ल ऑफ डलहौजी  के नाम से भी जाना जाता है |

*लॉर्ड डलहौजी को साम्राज्यवादी नीति का समर्थक माना जाता है क्योंकि उसने इस नीति के तहत भारत के कई राज्यों को अंग्रेजी साम्राज्य का हिस्सा बनाया |

*भारत के जो राज्य ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अधीन थे उन राज्यों के राजाओं या नबाबों को कोई वास्तविक उत्तराधिकारी नहीं होता था तो वह राज्य अंग्रेजों के पूर्ण अधिकार में आ जाता था |

*इतिहासकारों ने लॉर्ड डलहौजी की इसी नीति को अपहरण नीति या हड़प नीति कहा है और इस नीति के तहत लॉर्ड डलहौजी ने भारत के कई राज्यों को ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन किया |

*1848 में लॉर्ड डलहौजी ने सबसे पहले सतारा को अंग्रेजी साम्राज्य का हिस्सा बनाया और उस समय वहाँ के राजा अप्पा राव साहिब थे |

*1849 में सम्भलपुर (उड़ीसा में) के राजा नारायण सिंह का राज्य भी अंग्रेजी साम्राज्य में शामिल किया गया था |         

*1853 में झाँसी को लॉर्ड डलहौजी ने अंग्रेजी साम्राज्य का हिस्सा बनाया और उस समय झाँसी के राजा गंगाधर राव थे |

*1854 में नागपुर को, और उस समय वहां के राजा रघू जी तृतीय थे |

*1856 में लॉर्ड डलहौजी ने कुशासन का आरोप लगाकर वाजिद अली शाह के राज्य अवध को हड़प नीति का शिकार बनाया |

*लॉर्ड डलहौजी ने कुछ राज्यों को युद्ध में जीतकर अंग्रेज साम्राज्य का हिस्सा बनाया था |          

*लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में द्वितीय आँग्ल सिक्ख युद्ध हुआ था जो 18 अप्रैल 1848 से मार्च 1849 के मध्य तक चला और इसी समय लॉर्ड डलहौजी ने प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा महारानी विक्टोरिया को भेज दिया था तथा राजा दिलीप सिंह को पेंशन देकर पढ़ाई करने के लिए इंग्लैण्ड भेज दिया था |

*इस युद्ध में अंग्रेजों की जीत और सिक्खों की हार हुई थी |

*लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में ही द्वितीय आँग्ल बर्मा युद्ध हुआ जो अप्रैल 1852 से दिसंबर 1852 तक चला था जिसमें बर्मा की हार और अंग्रेजों की जीत हुई थी |

*लॉर्ड डलहौजी ने देशी राजाओं को उपाधियों को समाप्त किया था जिसका पहला शिकार 1851 ने नाना साहब को बनाया गया, उनकी 8 लाख वार्षिक पेंशन को बंद कर दी गई |

*भूमिकर रहित जागीरों को छीनने के लिए 1852 में इनाम कमीशन की स्थापना की गई थी |

लॉर्ड डलहौजी के प्रशासनिक सुधार

*लॉर्ड डलहौजी ने अंग्रेजी तोपखाने को मेरठ में स्थानांतरित किया और सेना का मुख्यालय शिमला में बनाया |

*1854 में लॉर्ड डलहौजी ने चार्ल्स वुड के डिस्पैच को लागू किया जिसके अनुसार प्रत्येक जिले में ऐंग्लो वर्नाक्यूलर स्कूल और कलकत्ता, मद्रास और बम्बई में एक - एक विश्वविद्यालय को स्थापना की गई |

*लॉर्ड डलहौजी ने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया था |

*लॉर्ड डलहौजी ने 1853 में अधिकारियों की नियुक्ति के लिए प्रतियोगिता परीक्षा की व्यवस्था की गई जिसके लिए उम्र सीमा 18 – 23 के मध्य में तय की गई थी |

*लॉर्ड डलहौजी को भारत में रेल्वे का जनक भी माना जाता है क्योकिं उसके ही कार्यकाल अप्रैल 1853 में, भारत में पहली बार बम्बई से थाणे के बीच रेल चलाई गई थी |

*1854 में दूसरी रेल कलकत्ता से रानीगंज के बीच चलाई गई थी |         

*1853 में ही कलकत्ता से आगरा के मध्य पहली बार बिजली से चलने वाली तार सेवा की शुरुआत भी हुई थी |

*भारत में पहली बार स्वतंत्र रूप से सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना करने का श्रेय लॉर्ड डलहौजी को ही दिया जाता है |

*लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल 1854 में, भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन प्रारम्भ किया गया था |

*1854 में ही स्वतंत्र रूप से लोकसेवा विभाग की स्थापना का श्रेय भी लॉर्ड डलहौजी को ही दिया जाता है |

*लॉर्ड डलहौजी का कार्यकाल 1848 - 1856 के मध्य में था |

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