मैसूर का इतिहास
*सम्राट अशोक के अभिलेखों के अनुसार मैसूर का प्राचीन नाम महिसुरु था |
*1612 ई. में मैसूर में वाडियार राजवंश की स्थापना हुई और वाडियार राजवंश
के अभिलेखों में मैसूर को महिषासुर नगर कहा गया है जिसकी चर्चा वाडियार राजा
चामराज के शासनकाल में मिलती है |
*इसके बाद मैसूर में नंजराज का शासन आया जो वाडियार राजाओं के प्रधानमंत्री
थे और नंजराज के शासनकाल में ही हैदर अली का उल्लेख मिलता है |
हैदर अली का इतिहास
*हैदर अली का जन्म 1722 ई. में कर्नाटक के कोलार शहर में हुआ था |
*हैदर
अली के पिता का नाम फ़तेह मुहम्मद था जो मैसूर के राजा नंजराज के यहाँ एक सैनिक की
नौकरी किया करते थे |
*1728
ई. में फ़तेह मुहम्मद की मृत्यु हो जाने के बाद हैदर अली को उनकी नौकरी प्रदान की
गई |
*हैदर
अली के युद्ध कौशल से प्रभावित होकर नंजराज ने 1755 में हैदर अली को डिंडीगुल के
किले का फौजदार नियुक्त किया था |
*हैदर अली ने इसी समय खांडेराव नामक एक
विद्वान हिन्दू पण्डित को अपना सलाहकार नियुक्त किया |
*1755
में ही हैदर अली ने डिंडीगुल में एक आधुनिक शस्त्रागार की स्थापना करवाई |
*1759
में नंजराज ने अपनी राजधानी मैसूर से श्रीरंगपट्टनम में स्थानातंरित की और इसी समय
मराठों ने मैसूर पर आक्रमण किया परन्तु हैदर अली और खांडेराव मिलकर ने मराठों के
आक्रमण को विफल कर दिया था |
*मराठों
के आक्रमण को विफल करने बाद नंजराज ने खुश होकर हैदर अली को मैसूर का सेनापति बना
दिया था |
*1760
में हैदर अली ने खांडेराव के साथ मिलकर नंजराज का अंत कर दिया और स्वयं को मैसूर
का शासक घोषित किया |
*हैदर
अली ने मैसूर के चामुंडेश्वरी देवी के मंदिर के लिए बहुत सारा धन दान किया था और
अपने सोने एवं तांबे के सिक्कों पर शिव, पार्वती और विष्णु की आकृतियाँ अंकित
करवाई थी |
*हैदर
अली को दक्षिण भारत का पहला शासक माना जाता है जिसने अंग्रेजों को पराजित किया था |
*प्रथम
आँग्ल मैसूर युद्ध 1767 से 1769 ई. तक चला जिसमें हैदर अली के विरुद्ध मराठा,
निज़ाम और अंग्रेजों की संयुक्त सेनाएं थी |
*इस
युद्ध का अंत मद्रास की संधि से हुआ | मद्रास की संधि 4 अप्रैल 1769 ई. को हैदर
अली और अंग्रेजों के मध्य हुई थी |
*इस
संधि में एक दूसरे पर आक्रमण न करने का वचन दिया गया था लेकिन 1771 में ही मराठों
ने मैसूर पर आक्रमण कर दिया और अंत में आयरकूट के नेतृत्व वाली अंग्रजी सेना ने
पोर्टोनोवा के युद्ध में हैदर अली को पराजित किया |
*इसी युद्ध में हैदर अली घायल हुए और 7 दिसम्बर
1782 ई. को उनकी मृत्यु हो गई थी |
*हैदर
अली का शासनकाल 1760 – 1782 के मध्य में था |
टीपू सुल्तान का इतिहास
*टीपू
सुल्तान का जन्म 20 नवम्बर 1750 या 1 दिसम्बर 1751 को कर्नाटक के देवनहल्ली में
हुआ था |
*टीपू
सुल्तान को शेर ए मैसूर के नाम से भी जाना जाता था |
*टीपू
सुल्तान का पूरा नाम बादशाह नजीब उद दौला सुल्तान फ़तेह अली बहादुर साहिब टीपू था |
*टीपू
सुल्तान के पिता का नाम हैदर अली तथा माता का नाम फातिमा फख्र उन निसा था |
*1782 में हैदर अली की मृत्यु के बाद टीपू सुल्तान
को मैसूर का शासक बनाया गया |
*टीपू
सुल्तान का राज्याभिषेक दिसम्बर 1782 में ही हुआ था और 1787 में टीपू ने बादशाह की
उपाधि धारण की थी |
*मैसूर
का शासक बनने के बाद टीपू सुल्तान ने अपने नाम के सिक्के जारी किए तथा आधुनिक
कैलेण्डर भी जारी किया |
*फ्रांसीसी
सैनिकों के प्रस्ताव पर टीपू ने जैकोबिन क्लब की सदस्यता ग्रहण की और स्वयं को
नागरिक टीपू कहना शुरू किया था |
*टीपू
सुल्तान ने श्रीरंगपट्टनम में एक स्वतंत्रता का वृक्ष भी लगाया तथा अपने दूत अरब,
अफ़गानिस्तान, फ़्रांस, तुर्की, मारीशस आदि देशों में भेजे |
*टीपू
सुल्तान के दो प्रमुख हिन्दू मंत्री पूरनिया और कृष्णाराव थे |
*मंगलौर
की संधि मार्च 1784 में टीपू सुल्तान और लार्ड मैकार्टनी के मध्य हुई थी जिसमें एक
दूसरे के क्षेत्रों और बंदियों को वापस करने पर सहमती हुई थी परन्तु इस संधि से
वारेन हेस्टिंग्स खुश नहीं था |
*1791
ई. में श्रंगेरी के शारदा देवी मंदिर को पेशवा शासकों ने तोड़ दिया क्योंकि पेशवा
चाहते थे की हिन्दू जनता टीपू के खिलाफ़ आन्दोलन करे |
*शारदा
देवी मंदिर के पुजारी के कहने पर टीपू ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया और शारदा
देवी की नई मूर्ति लगाने के लिए धन भी प्रदान किया |
*तृतीय
आँग्ल मैसूर युद्ध 1790 से 1792 के मध्य में तक चला था जिसका अंत 1792 में हुई
श्रीरंगपट्टनम की संधि से हुआ क्योंकि लार्ड कार्नवालिस, मराठों और निज़ाम की
संयुक्त सेनाओं ने टीपू सुल्तान को श्रीरंगपट्टनम के किले में घेर लिया था |
*इस
संधि की शर्तों के अनुसार टीपू सुल्तान के दो पुत्रों को लार्ड कार्नवालिस ने बंधक
के रूप में अपने पास रखा था |
*लार्ड
कार्नवालिस के बाद सर जॉन शोर भारत का गवर्नर जनरल बनकर आया | सर जॉन शोर ने मैसूर
के प्रति अहस्तक्षेप की नीति अपनाई और इसी कारण सर जॉन शोर को अहस्तक्षेप की नीति
का जन्मदाता भी माना जाता है |
*1799 ई. में गवर्नर जनरल लार्ड वेलेजली
ने टीपू के पास सहायक संधि का प्रस्ताव भेजा जिसे टीपू सुल्तान ने स्वीकार नहीं
किया |
*गवर्नर जनरल लार्ड वेलेजली ने युद्ध की
घोषणा कर दी तथा श्रीरंगपट्टनम को चारों तरफ से घेर लिया और इसी युद्ध को चतुर्थ
आँग्ल मैसूर युद्ध के नाम से जाना जाता है जिसमें 4 मई 1799 को टीपू सुल्तान की
मृत्यु हो गई थी |
*टीपू सुल्तान को दुनिया
का पहला मिसाइल मैन माना जाता है क्योंकि उनके द्वारा बनाई गए रॉकेट आज भी लन्दन
के मशहूर साइंस म्यूजियम रखे हुए हैं |
*टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद मैसूर
के सम्पूर्ण राज्य को अंग्रजों ने अपने अधीन कर लिया था |
*टीपू सुल्तान का शासनकाल 1782 – 1799 के मध्य में था |
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प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye
मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu
आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3
सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD