रेग्युलेटिंग एक्ट और उसकी प्रमुख विशेषताएं | Regulating Act 1773 |


रेग्यूलेटिंग ऐक्ट 1773

*बंगाल प्रान्त के गवर्नर को सम्पूर्ण भारत के अंग्रेजी क्षेत्रों का गवर्नर जनरल बना दिया गया और उसका कार्यकाल 5 वर्ष निश्चित कर दिया गया था |

*मद्रास तथा बम्बई के गवर्नर, बंगाल के गवर्नर के अधीन कर दिए गए ।

*और इस तरह से वारेन हेस्टिंग्स को भारत के अंग्रेजी क्षेत्रों का पहला गवर्नर जनरल बनाया गया था |

*गवर्नर जनरल के शासन कार्य में सहायता देने के लिए चार सदस्यों की एक कौंसिल भी बनाई गई थी और सदस्यों की अवधि 4 वर्ष निश्चित की गई थी |

*1774 में रेग्यूलेटिंग एक्ट के तहत ही कलकत्ता में एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गई जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश तथा तीन अन्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे ।

*इस उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायधीश एलिजा इम्पे को नियुक्त किया गया था |

*कम्पनी का कोई भी कर्मचारी बिना लाइसेन्स प्राप्त किए निजी व्यापार नहीं कर सकता था और न किसी से भेंट तथा उपहार ग्रहण कर सकता था ।

*गवर्नर जनरल और उसकी कौंसिल को उच्च न्यायालय के अधीन कर दिया गया ।

*गवर्नर जनरल और उसकी कौंसिल द्वारा पारित किए गए समस्त कानून तब तक वैध नहीं माने जा सकते थे जब तक उनको उच्च न्यायालय में रजिस्टर्ड न करा लिया जाए ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ