नादिरशाह का आक्रमण | नादिरशाह का इतिहास | करनाल का युद्ध | Nadir shah history in Hindi |

 

नादिरशाह का इतिहास

*नादिरशाह फारस का शासक था और नादिरशाह को ही ईरान का नेपोलियन भी कहा जाता है |

*नादिरशाह का जन्म 1688/89 में ईरान के दरगाज़ शहर में हुआ था |

*नादिरशाह को नादिर कुली बेग के नाम से भी जाना जाता है |

*नादिरशाह अफ्शरी वंश का शासक था |

*नादिरशाह 1736 में फारस का शासक बना था |

*नादिरशाह को 1738  में भारत पर आक्रमण करने का आमंत्रण मिला |

*फरवरी 1739 में नादिरशाह ने पंजाब पर आक्रमण किया, मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ने मीर बक्शी, निजाम उल मुल्क, सआदत खां आदि को लेकर पंजाब पहुँचा और दोनों सेनाओं के मध्य करनाल में युद्ध हुआ |

*करनाल का युद्ध 24 फरवरी 1739 को मुगल बादशाह मुहम्मद शाह और नादिरशाह के मध्य हुआ था परन्तु निजाम उल मुल्क की मध्यस्थता के कारण मुहम्मद शाह और नादिरशाह के बीच समझौता हो गया |

*सआदत खां, मीर बक्शी का पद प्राप्त करना चाहता था इसलिए उसने नादिरशाह से भेंट की और कहा कि यदि आप दिल्ली पर आक्रमण करें तो 20 लाख नहीं 20 करोड़ रुपये मिल सकते है |

*20 मार्च 1739 को दिल्ली पर नादिरशाह का अधिकार हो गया | नादिरशाह के नाम का खुतवा (धार्मिक प्रवचन) पड़ा गया तथा सिक्के जारी किये गए |

*22 मार्च 1739 ई. को दिल्ली में अफवाह फैल गई की नादिरशाह की मृत्यु हो गई है | दिल्ली में विद्रोह हो गया और नादिरशाह के 700 से ज्यादा सैनिक मार दिए गए |

*नादिरशाह इतना क्रोधित हुआ की उसने नरसंहार की आज्ञा दे दी और इस नरसंहार में लगभग 30 हजार से भी ज्यादा व्यक्ति मारे गए लेकिन मुहम्मद शाह की प्रार्थना पर नादिरशाह ने अपना आदेश वापस ले लिया |

*मुहम्मद शाह ने अपनी पुत्री का विवाह नादिरशाह के पुत्र नासिर उल्लाह मिर्जा के साथ किया था और इसी अवसर पर नादिरशाह ने मुगल बादशाह मुहम्मद शाह को फिर से दिल्ली का बादशाह घोषित कर दिया |

*नादिरशाह दिल्ली में 57 दिनों तक रहा और वापस जाते समय 30 करोड़ रुपये, तख्तेताऊस, कोहिनूर हीरा और बहुत सारा खजाना अपने साथ ईरान ले गया था |

*नादिरशाह की मृत्यु 19 जून 1747 को उसके ही अंग रक्षकों ने कर दी थी |

*नादिरशाह का शासनकाल 1736  – 1747 के मध्य में था |

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