जहांदार शाह का इतिहास | Jahandar Shah ka itihas |

जहांदार शाह का इतिहास

*जहांदार शाह का जन्म 9 मई 1661 को  दक्कन में हुआ था |

*जहांदार शाह का पूरा नाम – मिर्ज़ा मुईज उद दीन जहांदार शाह बहादुर था |

*जहांदार शाह के पिता का नाम बहादुरशाह तथा माता का नाम निजाम बाई था |

*जहांदार शाह की बेग़म – सैय्यद उन निसा बेग़म, लाल कुंवर और अनूप बाई |

*जहांदार शाह के पुत्र – आलमगीर द्वितीय, अज उद दीन मिर्ज़ा और इज़ उद दीन वाली अहमद बहादुर |

*जहांदार की पुत्रियाँ – सैद उन निसा बेग़म और इफ्फ़त आरा बेग़म |

*जहांदार शाह ने 29 मार्च 1712 को शहंशाह ए गाजी अबुल फ़तेह मुईज़ उद दीन मुहम्मद जहांदार शाह साहिब ए कुरान पादशाह ए जहाँ की उपाधि धारण कर लाहौर में अपना राज्याभिषेक करवाया था |  

*जहांदार शाह को लम्पट मुर्ख भी कहा जाता है क्योंकि इसके शासनकाल में वास्तविक सत्ता जुल्फीकार खां के हाथो में रही |

*जुल्फीकार खां, जहांदार शाह का वज़ीर था जिसने जयसिंह को मिर्जा राजा की पदवी और अजीत सिंह को महाराजा की पदवी प्रदान की थी |

*जहांदार शाह के शासनकाल में जजिया कर को समाप्त कर दिया गया था |

*जहांदार शाह ने जाट सरदार चूड़ामन और बुंदेला सरदार छत्रसाल के साथ अच्छी मित्रता कायम की परन्तु सिक्खों के प्रति उसने दमन की पुरानी नीति जारी राखी |

जहांदार शाह की मृत्यु

*जहांदार  शाह के भतीजे फर्रुखसियर ने सम्राट पद पर अपना दावा किया जिसमें उसकी सहायता सैयद बंधुओं (अब्दुल्ला खां और हुसैन अली खां) ने की |

*1713 ई. में आगरा के निकट जहांदार शाह और फर्रुखशियर के मध्य युद्ध हुआ जिसमें जहांदार शाह पराजित हुआ तथा बाद में उसकी हत्या कर दी गई | इस युद्ध को जीतने का श्रेय फर्रुखशियर ने सैयद बंधुओं को दिया |

*जहांदार शाह को दिल्ली में स्थित हुमायूं के मकबरे में दफनाया गया था |

*जहांदार शाह को मुगल वंश का पहला अयोग्य बादशाह माना जाता है |

*जहांदार शाह का शासनकाल 1712 – 1713 ई. के मध्य में था |

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