फर्रूखसियर का इतिहास | Farrukhsiyar ka itihas |

फर्रुखसियर का इतिहास

*फर्रुखसियर का जन्म 20 अगस्त या 11 सितम्बर 1683 को आधुनिक महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुआ था |

*फर्रुखसियर का पूरा नाम – अबुल मुजफ्फ़र मुईन उद दीन मुहम्मद शाह फर्रुखसियर आलम अकबर ए सानी वाला शान पादशाह था |

*फर्रुखसियर के पिता का नाम अज़ीम उस शान तथा माता का नाम साहिबा निस्वान था |

*फर्रुखसियर की बेग़म गौहर उन निसा, इन्द्र कुंवर और भूप देवी |

*फर्रुखसियर की पुत्री का नाम बादशाह बेग़म था जिसे मलिका ए ज़मानी के नाम से जाना जाता था |

*फर्रुखसियर ने अपनी जीत का श्रेय सैयद बंधुओं अब्दुल्ला खां और हुसैन अली खां को दिया |

*अब्दुल्ला खां को वजीर का पद और क़ुतुब उल मुल्क की उपाधि तथा हुसैन अली खां को मीर बख्शी का पद और अमीर उल उमरा  की उपाधि प्रदान की थी |

*फर्रुखसियर ने जयसिंह को राजा सवाई की उपाधि प्रदान की थी और इसी अवसर पर जोधपुर के राजा अजीत सिंह ने अपनी पुत्री का विवाह फर्रुखसियर  के साथ किया था |

*फर्रुखसियर ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई और कई जगहों से तीर्थ यात्रा कर हटा दिया था |

*फर्रुखसियर के शासनकाल 1716 ई. में सिक्ख सरदार बंदा बहादुर को दिल्ली में फांसी दी गई थी |

*1717 ई. में फर्रुखसियर ने अंग्रेजों को व्यापारिक लाभ का एक शाही फरमान जारी किया था जिसके द्वारा अंग्रेजों को व्यापर में छूट प्राप्त हुई |

फर्रुखसियर की मृत्यु

*सैयद बंधु हुसैन अली खां ने 1719 ई. में पेशवा बालाजी विश्वनाथ से दिल्ली में संधि कर और उसने सैन्य सहायता लेकर फर्रुखसियर को अपदस्त कर अंधा बना दिया और 28 अप्रैल 1719 को दिल्ली में उसकी हत्या कर दी गई थी |

*फर्रुखसियर की मृत्यु के बाद उसे हुमायूं के मकबरे में ही दफनाया गया था |

*फर्रुखसियर मुग़ल साम्राज्य का पहला शासक था जिसकी हत्या किसी अमीर के द्वारा की गई थी |

*फर्रुखसियर को घ्रणित बादशाह भी कहा जाता था |

*फर्रुखसियर का शासनकाल 1713 – 1719 के मध्य में था |

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