बहमनी साम्राज्य तथा उससे संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य । Bahmani Samrajya Ka Itihas |

बहमनी साम्राज्य का इतिहास

बहमनी साम्राज्य की स्थापना मुहम्मद बिन तुगलक के शासन काल में अलाउद्दीन हसन बहमन शाह उर्फ हसन गंगू के द्वारा की गई थी। बहमनी साम्राज्य के अंतर्गत लगभग 18 शासकों ने शासन किया। कलीमुल्लाह को बहमनी साम्राज्य का अंतिम शासक माना जाता है |

अलाउद्दीन बहमन शाह का इतिहास

*अलाउद्दीन बहमन शाह ने अलाउद्दीन हसन बहमन शाह की उपाधि धारण कर 3 अगस्त 1347 ई. में सिंहासन प्राप्त किया था |

*अलाउद्दीन बहमन शाह का मूलनाम जफर खां व हसन गंगू था।

*अलाउद्दीन बहमन शाह ने अमीर उल उमरा और द्वितीय सिकंदर के जैसी उपाधियां धारण की थी।

*अलाउद्दीन बहमन शाह को बहमनी साम्राज्य का संस्थापक माना जाता है।

*अलाउद्दीन बहमन शाह ने बहमनी साम्राज्य की राजधानी गुलबर्गा में बनाई थी और उसका नाम परिवर्तित करके अहसानाबाद रखा था |

*अलाउद्दीन बहमन शाह को भारत का पहला मुस्लिम शासक माना जाता है जिसने दक्षिण भारत में गैर मुस्लिमों पर जजिया कर ना लेने का आदेश दिया था।

*बहमनी साम्राज्य की राजभाषा मराठी, उर्दू, कन्नड़ और तेलगु थी।              

*अलाउद्दीन बहमन शाह को धार्मिक दृष्टि से धर्मनिरपेक्ष और न्यायप्रिय शासक माना जाता है |

*अलाउद्दीन बहमन शाह के मकबरे में फ़ारसी शैली का प्रयोग किया गया है |

*अलाउद्दीन बहमन शाह का शासनकाल 1347 – 1358 ई. के मध्य में था |

मुहम्मद शाह का इतिहास

*मुहम्मद शाह को अलाउद्दीन बहमन शाह का पुत्र माना जाता है |

*मुहम्मद शाह के शासनकाल में बुक्का प्रथम के विरुद्ध हुए युद्ध में पहली बार बारूद का प्रयोग किया गया था।

*मुहम्मद शाह के बाद मुजाहिद शाह, मुहम्मद शाह द्वितीय और गयासुद्दीन शाह शासक हुए परन्तु इसके शासनकाल में कोई भी विशेष कार्य नहीं हुआ |

*मुहम्मद शाह का शासनकाल 1358 – 1375 ई. के मध्य में था |

ताजुद्दीन फिरोज शाह का इतिहास

*ताजुद्दीन फिरोज शाह ने ब्राह्मणों को अपने राज्य के सबसे ऊंचे पदों पर नियुक्त किया था।

*ताजुद्दीन फिरोज शाह को भारत का पहला शासक माना जाता है जिसे तैमूर लंग ने अपना पुत्र कहकर संबोधित किया था।

*ताजुद्दीन फिरोज शाह के शासनकाल को सांस्कृतिक उपलब्धियों के लिए जाना जाता है |

*ताजुद्दीन फिरोज शाह कवि और कई भाषाओँ का ज्ञाता भी था जिसमें अरबी, फ़ारसी, तुर्की, तेलगु और मराठी शामिल थी |

*भीमा नदी के किनारे फिरोजाबाद नगर की स्थापना ताजुद्दीन फिरोज शाह ने की थी।

*ताजुद्दीन फ़िरोज शाह का शासनकाल 1397 – 1422 ई. के मध्य में था |

शिहाबुद्दीन अहमद प्रथम का इतिहास

*शिहाबुद्दीन अहमद को अहमद शाह वली और संत वली के नाम से जाना जाता था |

*शिहाबुद्दीन अहमद ने सर्वप्रथम गुलबर्गा के स्थान पर, बीदर को अपनी राजधानी बनाया और बीदर का नाम परिवर्तित करके मुहम्मदाबाद रखा था।

*शिहाबुद्दीन अहमद का शासनकाल न्याय तथा धर्मनिष्ठा के लिए जाना जाता है |

*शिहाबुद्दीन अहमद के शासनकाल में दक्षिण के प्रसिद्ध सूफी संत गेसू दराज ने उर्दू की पहली पुस्तक मिरातुल आशिकी की रचना की थी।

*शिहाबुद्दीन अहमद ने खुरासानी कवि अजारी तथा इसफ रयिक से बहमननामा की रचना करवाई थी जिसमें बहमनी वंश का इतिहास मिलता है।

*शिहाबुद्दीन अहमद का शासनकाल 1422 – 1436 ई. के मध्य में था |

अलाउद्दीन अहमद द्वितीय का इतिहास  

*अलाउद्दीन अहमद द्वितीय के शासनकाल में ही पहली बार महमूद गवां का उल्लेख मिलता है ।

*अलाउद्दीन अहमद द्वितीय ने अपनी हिंदू रानी को रानी जेव चेहरा (सुन्दर मुखवाली) की उपाधि प्रदान की थी।

*अलाउद्दीन अहमद द्वितीय का शासनकाल 1436 – 1458 ई. के मध्य में था |

हुमायूं ज़ालिम का इतिहास

*हुमायूँ का वास्तविक नाम हुमायूँ जालिम शाह था |

*हुमायूं को जालिम तथा दक्षिण का नीरो भी कहा जाता था क्योंकि वह बहुत ही क्रूर शासक था |

*हुमायूं ने महमूद गवां को ख्वाजा ए जहां की उपाधि देकर अपना प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।

*हुमायूं के बाद निजाम शाह (निजामुद्दीन अहमद द्वितीय) को शासक बनाया गया जिसने 1461 – 1463 ई. के मध्य में शासन किया था |

*हुमायूँ का शासनकाल 1458 – 1461 ई. के मध्य में था |

शम्सुद्दीन मुहम्मद तृतीय का इतिहास

*शम्सुद्दीन मुहम्मद तृतीय का वास्तविक नाम मुहम्मद खान था ।

*शम्सुद्दीन मुहम्मद तृतीय ने महमूद गवां को अपना प्रधानमंत्री नियुक्त किया और ख्वाजा ए जहां की उपाधि प्रदान की।

*शम्सुद्दीन मुहम्मद तृतीय के शासनकाल 1470 ई. में एक रूसी व्यापारी निकतिन ने बीदर की यात्रा की थी।

*शम्सुद्दीन मुहम्मद तृतीय के शासनकाल में बहमनी साम्राज्य का सर्वाधिक विस्तार हुआ और इसका श्रेय महमूद गवां को प्रदान किया जाता है |

*शम्सुद्दीन महमूद तृतीय ने षड्यंत्रकारियों के बहकावे में आकर महमूद गवां को मृत्युदंड दे दिया था।

*शम्सुद्दीन मुहम्मद तृतीय का शासनकाल 1463 – 1482 ई. के मध्य में था |

महमूद गवां का इतिहास

*महमूद गवां को बहमनी साम्राज्य का सबसे योग्यतम प्रधानमंत्री माना जाता था।

*1471 ई. में महमूद गवां ने गोवा पर अधिकार कर लिया क्योंकि गोवा पश्चिमी समुद्र तट का प्रसिद्ध बंदरगाह था जो विजयनगर साम्राज्य के अधीन था |

*महमूद गवां ने बीदर में एक महाविद्यालय का भी निर्माण करवाया था।

*महमूद गवां ने शैजत उल इन्शा और दीवान ए अक्त जैसे ग्रन्थ की रचना की थी।

*महमूद गवां को इस्लामी ग्रंथों, फ़ारसी भाषा और गणित का अच्छा ज्ञान था |

*महमूद गवां का मकबरा बीदर में है जो विशिष्ट फ़ारसी शैली में बना है |

शिहाबुद्दीन महमूद शाह का इतिहास

*शिहाबुद्दीन महमूद शाह के हशासनकाल में ही बहमनी साम्राज्य पांच खंडों में बीजापुर, अहमदनगर, बरार, गोलकुंडा और बीदर में विभाजित हो गया था।

*सबसे पहले बरार ने 1484 ई. में स्वतंत्रता की घोषणा की परंतु बीजापुर सबसे पहले स्वतंत्र हुआ था परन्तु उसने घोषणा नहीं की थी |

*शिहाबुद्दीन महमूद शाह का प्रधानमंत्री कासिम बरीद था।

बहमनी वंश का अंत 

1490 ईसवी के बाद सत्ता कासिम बरीद और उसके पुत्र अमीर अली बरीद के हाथों में थी । 1518 ई में शिहाबुद्दीन महमूद की मृत्यु के बाद अहमद, अलाउद्दीन, वलीउल्लाह और अंत में कलीमुल्लाह शासक हुए । 1527 ई. में कलीमुल्लाह की मृत्यु के बाद बहमनी वंश का अंत हो गया।

बहमनी साम्राज्य के शासक

1.अलाउदीन बहमन शाह  - 1347 से 1358 ई.

2.मुहम्मद शाह प्रथम  - 1358 से 1375 ई.

3.मुजाहिद शाह  - 1375 से 1378 ई.

4.दाऊद शाह  - 1378 से 1378 ई.

5.मुहम्मद शाह द्वितीय  - 1378 से 1397 ई.

6.गयासुद्दीन शाह  - 1397 से 1397 ई.

7.शम्सुद्दीन शाह  - 1397 से 1397 ई.

8.ताजुद्दीन फ़िरोज शाह  - 1397 से 1422 ई.

9.अहमद शाह वली  - 1422 से 1436 ई.

10.अलाउद्दीन अहमद शाह  - 1436 से 1458 ई.

11 .हुमायूँ ज़ालिम शाह  - 1458 से 1461 ई.

12 .निज़ाम शाह  - 1461 से 1463 ई.

13.मुहम्मद शाह तृतीय  - 1463 से 1482 ई.

14 .महमूद शाह द्वितीय  - 1482 से 1518 ई.

15 .अहमद शाह द्वितीय  - 1518 से 1520 ई.

16 अलाउद्दीन शाह द्वितीय  - 1520 से 1523 ई.

17 .बलीउल्लाह  - 1523 से 1525 ई.

18.कलीमुल्लाह  - 1525 से 1527 ई.  

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