मुगलकाल के ऐतिहासिक स्रोत
1.बाबरनामा - यह
मुगल शासक बाबर की आत्मकथा है जिसकी रचना स्वयं बाबर ने तुर्की भाषा में की थी |
बाबरनामा को तुजुक ए बाबरी या वाक्यात ए बाबरी नाम से भी जाना जाता है |
2.हुमायूंनामा -
हुमायूंनामा की रचना बाबर की पुत्री एवं हुमायूं की चचेरी बहन गुलबदन बानो बेगम ने
तुर्की भाषा में की थी |
3.तारीख ए शेरशाही
- इस ग्रंथ की रचना अकबर के आदेश पर अब्बास खां सरवानी ने फारसी भाषा में की थी |
इस ग्रंथ में शेरशाह के जीवन पर प्रकाश डाला गया है |
4.अकबरनामा - इस
ग्रंथ की रचना अबुल फजल ने फारसी भाषा में की थी |
5.तुजुक ए
जहांगीरी - यह जहांगीर की आत्मकथा है जिसे स्वयं जहांगीर ने फारसी में लिखा था |
5.पादशाहनामा -
पादशाहनामा शाहजहां के शासनकाल में लिखा गया ग्रंथ है जिसकी रचना मोहम्मद अमीर
काजविनी, अब्दुल हमीद लाहौरी और मोहम्मद वारिस ने की थी |
बाबर का इतिहास
*बाबर का जन्म
14 या 23 फरवरी 1483 ई.
में फरगाना आधुनिक उज्बेकिस्तान में हुआ था |
*बाबर के पिता
का नाम उमर शेख मिर्जा तथा माता का नाम कुतलुग निगार ख़ानम था |
*बाबर का
वास्तविक नाम जहीर उद दीन मोहम्मद बाबर था |
*बाबर की बेगमों
के नाम - सालिहा सुल्तान बेग़म, मासुमा बेग़म, आईशा सुल्तान बेग़म, जैनव सुल्तान
बेग़म, माहम बेग़म, बीबी मुबारिका |
*बाबर के पुत्र -
हुमायूँ, हिंदाल मिर्ज़ा, अस्करी मिर्ज़ा, कामरान मिर्ज़ा, शाहरुख मिर्ज़ा, बरबल
मिर्ज़ा, अलवर मिर्ज़ा, फारुख मिर्ज़ा, अहमद मिर्ज़ा, आदि |
*बाबर की
पुत्रियाँ - गुलबदन बानो बेग़म, माहम अंगा, गुलरुख बेग़म, ऐसन दौलत बेग़म, फख्र उन
निशां, गुलज़ार बेग़म, गुलरंग बेग़म,मेहर बेग़म |
*बाबर ने पादशाह
और कलंदर की उपाधियां धारण की थीं तथा पादशाह की उपाधि धारण करने वाला पहला शासक
बाबर को माना जाता है |
*बाबर को अपनी
उदारता के कारण कलंदर की उपाधि प्राप्त हुई थी |
*बाबर 8 जून 1494 ई. को फरगाना आधुनिक उज़्बेकिस्तान में, का
शासक बना था |
*बाबर ने तुलुगमा
नीति उज्बेंकों से, और तोपखाना एवं बंदूक का प्रयोग ईरानियों
से सीखा था |
*बाबर ने भारत
5 बार आक्रमण किया था |
*बाबर ने भारत
पर पहला आक्रमण 1519 ई. में बाजौर और भेरा के यूसुफ जाई
जातियों के विरुद्ध किया था और इसी युद्ध में सबसे पहले तोपों और बंदूकों का
प्रयोग किया गया था |
*बाबर के
प्रसिद्ध तोपची उस्ताद अली और मुस्तफा थे ।
*पानीपत का
प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 ई. को बाबर
और इब्राहिम लोदी के मध्य हुआ था और इस युद्ध में बाबर की विजय हुई क्योंकि बाबर ने
तुलुगमा नीति एवं तोपखाने का प्रयोग किया था |
*पानीपत के
प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोधी और ग्वालियर के राजा विक्रमजीत सिंह की मृत्यु,
युद्ध स्थल में ही हो गई थी |
*भारतीय इतिहास
में यह पहला अवसर था जब किसी राजा की मृत्यु युद्ध स्थल में ही हुई थी |
*खानवा का युद्ध
16 मार्च 1527 ई. को बाबर एवं राणा
सांगा के बीच हुआ था और इस युद्ध में भी बाबर की विजय हुई थी |
*खानवा युद्ध के
दौरान ही बाबर ने जिहाद का नारा देकर सभी सैनिकों को कुरान पर हाथ रखवाकर कसम
खिलवाई थी कि जब तक जान रहेगी तब तक युद्ध में लड़ते रहेंगे |
*इस युद्ध में
हजारों राजपूत सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया था | अंत में बाबर ने सभी
राजपूत सैनिकों के सिरों को इकट्ठा करवाया और गाजी की उपाधि धारण की | इस युद्ध के
बाद बाबर ने काबुल की जगह दिल्ली को शक्ति का केंद्र बनाया था |
*चंदेरी का
युद्ध 29 जनवरी 1528 ई. को बाबर और
मेदिनी राय के मध्य हुआ था | इस युद्ध में बाबर की विजय हुई और इसी युद्ध में
मेदनी राय की भी मृत्यु हो गई थी | मेदनी राय की दोनों पुत्रियों को हुमायूं और
कामरान को सौंप दिया गया था |
*घाघरा का युद्ध
5 या 6 मई 1529
ई. को बाबर और अफगान शासकों के मध्य हुआ था | भारत का यह पहला युद्ध था जो जल और
थल दोनों पर लड़ा गया था और इस युद्ध में भी बाबर की विजय हुई थी |
*बाबर संत ख्वाजा
उबैदुल्ला अहरार का अनुयायी था |
*बाबर ने स्वयं
बाबरनामा की रचना तुर्की भाषा में की थी और बाबर को मुबईयान पद्य शैली का जन्मदाता
भी माना जाता है |
*26 दिसंबर
1530 ई. को आगरा में बाबर की मृत्यु हो गई थी |
*सबसे पहले उसे आगरा
के आराम बाग में दफनाया गया था किंतु बाद में बाबर के द्वारा चुने हुए स्थान काबुल में उसे दफनाया गया
|
*बाबर का शासनकाल
1526 – 1530 ई. के मध्य में था |
*बाबर ने हुमायूं को अपना उत्तराधिकारी चुना था |
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प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye
मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu
आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3
सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD