बंगाल का इतिहास | इलियास शाही वंश | हुसैनी वंश | Bengal History in Hindi |

 

बंगाल का इतिहास

दिल्ली सल्तनत के समय बंगाल पूर्वी प्रांत था और उसकी राजधानी लखनौती (आधुनिक नाम गौड़) व पांडुआ (पश्चिम बंगाल में) में थी | दिल्ली सल्तनत के समय लखनौती को विद्रोह का नगर भी कहा जाता था क्योंकि उस समय सबसे अधिक विद्रोह लखनौती में ही होते थे | मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में बंगाल पूरी तरह से स्वतंत्र हो गया था और यह दिल्ली सल्तनत से अलग होने वाला पहला प्रांत था |

इलियास शाही वंश का इतिहास

हाजी इलियास का इतिहास

*मोहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में इलियासशाही वंश तथा बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना शमसुद्दीन हाजी इलियास ने की थी |

*हाजी इलियास का शासनकाल 1342 - 1357 ई. के मध्य में था |

सिकंदर शाह का इतिहास

*सिकंदर शाह को हाजी इलियास का पुत्र माना जाता है |

*सिकंदर शाह ने पांडुआ में अदीना मस्जिद का निर्माण करवाया था |

*सिकंदर शाह का शासनकाल 1357 – 1389 ई. के मध्य में था |

गयासुद्दीन आजम का इतिहास  

*गयासुद्दीन आजम को सिकंदर शाह का पुत्र माना जाता है |

*1409 ई. में, गयासुद्दीन आजम ने महारत्न धर्मराज नामक एक बौद्ध महागुरु को अपना दूत बनाकर चीन भेजा था |

*गयासुद्दीन आजम का शासनकाल 1389 – 1409 ई. के मध्य में था |

*गयासुद्दीन आजम के बाद, सैफुद्दीन हमजा,  शिहाबुद्दीन वायजीद शाह, अलाउद्दीन फिरोज शाहगणेश, जलालुद्दीन मुहम्मद शाह, शम्सुद्दीन अहमद शाह, और नासिरुद्दीन महमूद शाह आदि शासक हुए |

रुकनुद्दीन बारबाक शाह का इतिहास

*बारबाक शाह  को बंगाल का सबसे सज्जन एवं इमानदार शासक माना जाता था |

*बारबाक शाह भारत का प्रथम शासक माना जाता है जिसके पास सबसे ज्यादा विदेशी गुलाम थे |

*बारबाक शाह ने कवि मालधर बसु को गुणराज खां की उपाधि प्रदान की थी |

*बारबाक शाह के ही शासनकाल में कृतिवास ने रामायण का बंगाली भाषा में अनुवाद किया था जिसे बंगाल की बाइबिल अथवा पंचवेद भी कहा जाता है |

*दाखिल दरवाजा बंगाल में हिंदू-मुस्लिम स्थापत्य कला का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता है |

*बारबाक शाह का शासनकाल 1459 – 1474 ई. के मध्य में था |

शम्सुद्दीन युसुफ़ शाह का इतिहास

*शम्सुद्दीन युसुफ़ शाह ने सम्पूर्ण बंगाल में शराब पर प्रतिबन्ध लगा दिया था |

*शम्सुद्दीन यूसुफ शाह का शासनकाल 1478 – 1481 ई. के मध्य में था |

जलालुद्दीन फतेह शाह का इतिहास

*जलालुद्दीन फतेह शाह को इलियास शाही वंश का अंतिम शासक माना जाता है |

*जलालुद्दीन फतेह शाह का शासनकाल 1481 – 1487 ई. के मध्य में था |

*जलालुद्दीन फतेह शाह के बाद सैफुद्दीन फिरोज, नासिरुद्दीन महमूद, शम्सुद्दीन मुजफ्फर आदि शासक हुए |

हुसैनी वंश का इतिहास

अलाउद्दीन हुसैन का इतिहास

*अलाउद्दीन हुसैन ने कृष्ण का अवतार, नृपति तिलक, जगत भूषण, खलीफ़तुल्लाह जैसी प्रख्यात उपाधियां धारण की थी |

*अलाउद्दीन हुसैन के द्वारा बंगाल में हुसैनी वंश की स्थापना की गई थी |

*अलाउद्दीन हुसैन के शासनकाल में ही मालधर बसु ने भागवत पुराण का श्री कृष्ण विजय के नाम से संस्कृत में अनुवाद किया था |

*अलाउद्दीन हुसैन के शासनकाल में ही वैष्णव संत चैतन्य महाप्रभु ने बंगाल और बिहार में वैष्णव धर्म का प्रचार-प्रसार किया था |

*बंगाल में अलाउद्दीन हुसैन ने सत्यपीर नामक आंदोलन की शुरुआत की थी जो एक सूफी आंदोलन था |

*अलाउद्दीन हुसैन का शासनकाल 1493 – 1519 ई. के मध्य में था |

नुसरत शाह का इतिहास

*जिस समय बाबर ने भारत पर आक्रमण किया था उस समय बंगाल में नुसरत शाह का शासन था |

*नुसरत शाह के शासनकाल में ही सबसे पहले पुर्तगाली बंगाल आए थे |

*नुसरत शाह ने लखनौती में बड़ा सोना मस्जिद और कदम रसूल मस्जिद का निर्माण करवाया था |

*नुसरत शाह के शासनकाल में ही कांशीराम ने बंगाली भाषा में महाभारत की रचना की थी |

*नुसरत शाह का शासनकाल 1519 – 1532 ई. के मध्य में था |

*नुसरत शाह के बाद अलाउद्दीन फिरोज शाह शासक हुए |

गयासुद्दीन महमूद का इतिहास

*गयासुद्दीन महमूद को हुसैनी वंश का अंतिम शासक माना जाता है |

*गयासुद्दीन महमूद के शासनकाल में शेरशाह सूरी ने बंगाल को अपने अधीन कर लिया था |

*गयासुद्दीन महमूद का शासनकाल 1533 – 1538 ई. के मध्य में था |

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