इब्राहिम लोदी का इतिहास
*सिकंदर लोदी की
मृत्यु 21 नवंबर 1517 ई. को हुई थी इसके तुरंत बाद ही उसके बड़े पुत्र इब्राहिम
लोदी को दिल्ली का नया शासक बनाया गया था |
*22 नवंबर 1517
ई. को इब्राहिम लोदी ने शाह की उपाधि धारण करके अपना राज्याभिषेक करवाया था |
*इब्राहिम लोदी
के छोटे भाई जलाल खां को जौनपुर (उत्तरप्रदेश में ) का राज्य प्रदान किया गया था परन्तु
यह इब्राहिम लोदी को मंजूर नही था |
*जलाल खां ने
जलालुद्दीन की उपाधि धारण करके काल्पी (उत्तरप्रदेश में)में अपना राज्याभिषेक
करवाया था
*कुछ समय बाद इब्राहिम
लोदी ने जलाल खां को पराजित करके उसकी हत्या करवा दी थी |
इब्राहिम लोदी के अभियान
*1518 में
इब्राहिम लोदी ने ग्वालियर के राजा विक्रमजीत सिंह के विरुद्ध आक्रमण किया और उस
समय इब्राहिम लोदी की सेना का नेतृत्व आजम खां कर रहा था |
*ग्वालियर के
राजा विक्रमजीत सिंह ने इब्राहिम लोदी की सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था |
*इब्राहिम लोदी
को लोदी वंश का पहला शासक माना जाता है जिसने ग्वालियर को विजित करके पूरी तरह से
दिल्ली सल्तनत में शामिल कर लिया था |
*1518 के अंत
में इब्राहिम लोदी ने मेवाड़ के राजा राणासांगा के
विरुद्ध आक्रमण किया और उस समय इब्राहिम लोदी की सेना का नेतृत्व मियाँ
मक्खन के हाथों में था |
*ग्वालियर के
पास खतौली नामक स्थान पर इब्राहिम लोदी और राणासांगा की सेना के मध्य युद्ध हुआ
परन्तु इस युद्ध में स्पष्ट रूप से किसी भी पक्ष को जीत हांसिल नही हुई |
* रानासांगा और
इब्राहिम लोदी के मध्य विवाद मालवा के अधिकार को लेकर था और उस समय मालवा का राज्य
मेदिनीराय के पास था |
*मेदिनीराय,
राणासांगा के पक्ष में था इसीलिए रानासांगा ने इस युद्ध में मेदनीराय का पूरी तरह
साथ दिया था |
*राणासांगा का
वास्तविक नाम संग्रामसिंह था |
*इसी समय बिहार
के सूबेदार बहादुर खां ने सुल्तान मोहम्मद की उपाधि धारण करके स्वंय को बिहार का
स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया था |
*इब्राहिम लोदी
ने सुल्तान मोहम्मद को दण्डित करने का निश्चय किया और पंजाब के सूबेदार दौलत खां
लोदी से सैन्य सहायता मांगी तथा उसे स्वंय भी आने का न्यौता दिया |
*दौलत खां लोदी
ने अपने पुत्र दिलावर खां को कुछ सेना के साथ दिल्ली भेजा परन्तु इब्राहिम लोदी इस
बात से बहुत क्रोधित हुआ और उसने दौलत खां लोदि को दण्डित करने का निश्चय किया |
*दौलत खां लोदी
ने इससे भयभीत होकर काबुल के शासक बाबर से सहायता मांगी |
*इससे पहले
दिल्ली पर आक्रमण करने के लिए रानासांगा ने भी बाबर से सहायता मांगी थी परन्तु
बाबर ने कोई भी जबाब नही दिया था |
*बाबर ने पंजाब
के सूबेदार दौलत खा लोदी का निमंत्रण स्वीकार कर नवंबर 1525 में भारत के लिए
प्रस्थान किया |
*12 अप्रैल 1526
को बाबर पानीपत के युद्ध के मैंदान में पहुंचा और उसके साथ में पंजाब के सूबेदार
दौलत खां लोदी और इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खां की सेनाएं भी थीं |
*21 अप्रैल 1526
को काबुल के शासक बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत का पहला युद्ध हुआ | इस युद्ध
में तुलुगमा (पीछे से बार करना) और तोपखाने के कारण बाबर की विजय हुई |
*पानीपत के इस
युद्ध में इब्राहिम लोदी की मृत्यु हो गयी और इब्राहिम लोदी को दिल्ली सल्तनत का
पहला शासक माना जाता है जिसकी मृत्यु युद्ध के मैंदान में हुई थी |
*इब्राहिम लोदी
को लोदी वंश का अंतिम शासक तथा दिल्ली सल्तनत का अंतिम शासक माना भी माना जाता है |
*पानीपत के प्रथम युद्ध के बाद लोदी वंश तथा दिल्ली सल्तनत का अंत हो गया था और दिल्ली पर एक नए राजवंश मुग़ल वंश स्थापना हुई तथा जिसका संस्थापक बाबर को माना जाता है |
0 टिप्पणियाँ
यह Post केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टी से लिखा गया है ....इस Post में दी गई जानकारी, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त [CLASS 6 से M.A. तक की] पुस्तकों से ली गई है ..| कृपया Comment box में कोई भी Link न डालें.
प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye
मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu
आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3
सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD