मुबारक शाह का इतिहास (#सैय्यदवंशकाइतिहास) | Mubarak Shah History in Hindi |

 

ऐतिहासिक स्रोत

तारीख ए मुबारकशाही ग्रंथ

तारीख ए मुबारकशाही ग्रंथ, मुबारक शाह को ही समर्पित है और इस ग्रंथ की रचना याहिया बिन अहमद सरहिंदी के द्वारा, मुबारक शाह के शासनकाल में ही की गई थी। तारीख ए मुबारकशाही में सैय्यद वंश के इतिहास की विस्तृत रूप से चर्चा की गई है, जिसमें अनेक तथ्यों को बड़े ही सरल तरीके से समझाया गया है ।

मुबारक शाह का इतिहास

*मई 1421 में खिज्र खां की मृत्यु के बाद उसके पुत्र मुबारक खां ने शाह की उपाधि धारण कर, दिल्ली का सिंहासन प्राप्त किया ।

*मुबारक शाह का पूरा नाम मुइजुद्दीन मुबारक शाह था ।

*मुबारक शाह ने, शाह की उपाधि के अलावा सुल्तान और नायब अमीरुल मोमिनीन की उपाधियां भी धारण की थी ।

*अमीर उल मोमनीन का अर्थ - खलीफा का सहायक होता है ।

*सैय्यद वंश के सभी शासकों में मुबारक शाह को सबसे योग्य शासक माना जाता है ।

*मुबारक शाह ने यमुना नदी के किनारे मुबारकाबाद नगर को बसाया था जो आधुनिक हरियाणा में है ।

*मुबारक शाह ने अपने राज दरबार में याहिया बिन अहमद सरहिंदी को संरक्षण प्रदान किया था ।

मुबारक शाह की प्रशासनिक व्यवस्था

*मुबारक शाह ने शासक बनने के बाद अमीर व मलिकों को खुश करने का प्रयास किया परंतु उसे ज्यादा सफलता हासिल नहीं हुई ।

*मुबारक शाह ने सरवर उल मुल्क को वजीर का पद तथा कमाल उल मुल्क को सेनापति का पद प्रदान किया था ।

*मुबारक शाह ने मलिक उस शर्क को हिसार, फिरोजाबाद तथा हांसी का क्षेत्र और रज्जब नादिर को दीपालपुर की जागीर प्रदान की थी ।

*1428 में मुबारक शाह ने अपने नाम के सिक्के जारी किए क्योंकि खिज्र खां के शासनकाल में तुगलक शासकों द्वारा चलाए गए सिक्के ही जारी किए गए थे ।

*मुबारक शाह ने तैमूर लंग के उत्तराधिकारी शाहरुख मिर्जा को कर देना बंद कर दिया था ।

मुबारक शाह के आक्रमण

*मुबारक शाह ने पहला आक्रमण सियालकोट के खोक्खर नेता जसरथ के विरुद्ध किया था जिसमें जसरथ अपना राज्य छोड़कर ही भाग गया था ।

*मुबारक शाह ने दूसरा आक्रमण कटेहर, कंपिल और इटावा के राठौर सरदारों के विरुद्ध किया था जिसमें सभी ने कर देना स्वीकार कर लिया था ।

*मुबारक शाह ने तीसरा आक्रमण ग्वालियर के शासक अलप खान के विरुद्ध किया था जिसमें उसने भी कर देना स्वीकार कर लिया था ।

*मुबारक शाह ने चौथा आक्रमण बयाना के शासक अमीर मुहम्मद खान के विरोध किया था जिसमें अमीर मुहम्मद खान ने आत्मसमर्पण कर दिया था ।

*मुबारक शाह ने 1428 में जौनपुर के शासक इब्राहिम शाह के विरुद्ध आक्रमण किया और दोनों के मध्य भीषण युद्ध हुआ परंतु इस युद्ध में, इब्राहिम शाह को पराजय का सामना करना पड़ा था ।

मुबारक शाह की मृत्यु

*जनवरी 1434 में मुबारक शाह औ वजीर सरवर उल मुल्क के मध्य आपसी विवाद हुआ और इसी विवाद के चलते, सरवर उल मुल्क ने मीरान सद्र तथा सिद्ध पाल के साथ मिलकर मुबारक शाह की फरवरी 1434 में हत्या करवा दी थी ।

*मुबारक शाह का शासनकाल 1421 - 1434 के मध्य में था ।

*मुबारक शाह की मृत्यु के बाद उसके दत्तक पुत्र ने दिल्ली का सिंहासन प्राप्त किया ।

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