ऐतिहासिक स्त्रोत
तारीख ए फिरोजशाही
इस ग्रन्थ की रचना शम्स ए सिराज अफीफ के द्वारा की गई थी जिसमें फिरोजशाह तुगलक के अलावा नासिरुद्दीन महमूद तुगलक के शासनकाल की भी चर्चा की गई है | तारीख ए फिरोजशाही नामक दो ग्रन्थ हैं एक ग्रन्थ की रचना जियाउद्दीन बरनी ने की थी और दूसरे ग्रन्थ की रचना शम्स ए सिराज ने की थी | 1398 में अमीर तैमूर के द्वारा दिल्ली पर किए गए आक्रमण का उल्लेख शम्स ए सिराज के तारीख ए फिरोजशाही ग्रन्थ में मिलता है |
नासिरुद्दीन महमूद तुगलक का इतिहास
*मार्च 1394 में अलाउद्दीन सिकंदर शाह की मृत्यु के बाद नासिरुद्दीन महमूद तुगलक को दिल्ली की सत्ता प्रदान की गई थी |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक को अलाउद्दीन सिकंदर शाह का छोटा भाई माना जाता है |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक ने अपने वजीर मलिक सरवर को जौनपुर का राज्य सौंप दिया था |
*मलिक सरवर ने कुछ समय बाद जौनपुर में शर्की वंश की नीव डालकर एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की थी |
*मलिक सरवर को ख्वाज़ा जहाँ के नाम से भी जाना जाता है |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक ने मलिक सरवर को मलिक उस शर्क की उपाधि प्रदान की थी |
*मलिक उस शर्क का अर्थ - पूर्व का स्वामी होता है |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक के ही शासनकाल में बंगाल, राजस्थान, बुन्देलखण्ड आदि राज्यों ने स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया था |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक की सल्तनत दिल्ली से पालम तक ही रह गई थी इसीलिए लोगों ने एक कहावत बनाई थी - सुल्तान की सल्तनत दिल्ली से पालम तक फैली हुई है |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक के शासनकाल में तुग़लक वंश के दो शासक एक साथ शासन कर रहे थे जिसमें नुसरत शाह (फ़तेह खां का पुत्र) फिरोजाबाद का शासक था और नासिरुद्दीन महमूद तुगलक दिल्ली का शासक था |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक के शासनकाल में ख़िज्र खां पंजाब का सूबेदार था और दिल्ली में हो रहे षड्यंत्रों से वह परेशान हो चुका था तथा उसने समरकंद (आधुनिक उज्बेकिस्तान में) से अमीर तैमूर को दिल्ली पर आक्रमण के लिए आमंत्रित किया |
*1398 - 99 में अमीर तैमूर ने दिल्ली पर आक्रमण किया और तुगलक वंश की सत्ता को ही नष्ट कर दिया था |
*1412 में नासिरुद्दीन महमूद तुगलक की मृत्यु हो गई और उसके बाद तुग़लक वंश का अंत हो गया था |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक को तुगलक वंश का अंतिम शासक माना जाता है |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक का शासनकाल 1394 - 1412 के मध्य में था |
*नासिरुद्दीन महमूद तुगलक मृत्यु के बाद 1412 में ही अफगान सरदार दौलत खां लोदी को दिल्ली का नया शासक बनाया गया |
*1414 में मुल्तान, पंजाब और दीपालपुर के सूबेदार ख़िज्र खां ने दिल्ली पर आक्रमण किया और दौलत खां लोदी को पराजित कर, दिल्ली पर एक नए राजवंश सैय्यद वंश की नीव डाली थी |
1 टिप्पणियाँ
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मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu
आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3
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