तैमूर का भारत पर आक्रमण (#18_दिसम्बर_1398) । Timur History in Hindi ।

 

ऐतिहासिक स्रोत

तारीख ए फिरोजशाही ग्रंथ

शम्स ए सिराज अफीफ के द्वारा लिखे गए इस ग्रंथ में, तैमूर के आक्रमण का आंखों देखा वर्णन किया गया है जिसमें तैमूर के द्वारा दिल्ली में किए गए, कत्लेआम का वर्णन विस्तृत रूप से किया गया है । तारीख ए फिरोजशाही ग्रंथ, मूल रूप से फिरोजशाह तुगलक को समर्पित है परंतु इसमें फिरोजशाह तुगलक के अलावा नासिरुद्दीन महमूद तुगलक के शासन काल की भी चर्चा की गई है ।

तुजुक ए तैमूरी ग्रन्थ

तुजूक ए तैमूरी ग्रंथ को तैमूर की आत्मकथा माना जाता है जिसमें तैमूर के द्वारा दिल्ली पर किए गए आक्रमण की भी जानकारी मिलती है । तुजुक ए तैमूरी में तैमूर ने लिखा है “ऐ पैगंबर मैंने इस्लाम में विश्वास ना करने वाले काफिरों को थोड़े ही समय में मौत के घाट उतार दिया है” । तुजुक ए तैमूरी ग्रंथ को तैमूर के इतिहास को जानने का एक अच्छा और विश्वसनीय स्रोत माना जाता है ।

तैमूर का इतिहास

*तैमूर को तिमूर, तैमूर लंग, टेमरलेन और अमीर तैमूर के नाम से इतिहास में जाना जाता है ।

*तैमूर का वास्तविक नाम शुजा उद दीन तैमूर था ।

*तैमूर का जन्म 8/9 अप्रैल 1336 को आधुनिक उज्बेकिस्तान के कैश/कैच नामक स्थान पर हुआ था जिसे वर्तमान समय में शहर ए सब्ज के नाम से जाना जाता है ।

*तैमूर के पिता का नाम अमीर तुरगाई बरलस था जो कैच में एक छोटी सी जागीर का मालिक था ।

*तैमूर की माता का नाम तकीना खातून था ।

*तैमूर की पत्नी का नाम सराय मुल्क खानुम था ।

*तैमूर सुन्नी इस्लाम धर्म का समर्थक था ।

*तैमूर गुरकानी राजवंश से संबंधित था जिसे तैमूरी राजवंश के नाम से भी जाना जाता है ।

*तैमूर 1369/70 में अपने पिता की मृत्यु के बाद शासक बना ।

*तैमूर को कट्टर सेनापति और एक कुशल राजनीतिक भी माना जाता है जिसके कारण उसने एशिया के बहुत बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया था ।

*तैमूर के साम्राज्य में ट्रांस ऑक्सियाना, तुर्किस्तान, अफगानिस्तान, पर्शिया, सीरिया, कुर्दिस्तान, बगदाद, जॉर्जिया, एशिया माइनर का कुछ भाग और भारत आदि शामिल था ।

*तैमूर एक खूंखार शासक था वह जहां भी गया उसने लूटमार, अग्निकांड और कत्लेआम किया ।

तैमूर का भारत पर आक्रमण

*जिस समय तैमूर ने दिल्ली पर आक्रमण किया, उस समय दिल्ली पर तुगलक वंश के अंतिम शासक नासिरुद्दीन महमूद शाह तुगलक का शासन था ।

*नासिरुद्दीन महमूद शाह तुगलक के शासनकाल में खिज्र खां पंजाब का सूबेदार था लेकिन दिल्ली में बार-बार हो रही सत्ता परिवर्तन से वह परेशान हो चुका था ।

*जनवरी 1398 में उसने समरकंद के शासक अमीर तैमूर को दिल्ली पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया ।

*तैमूर ने मार्च 1398 में दिल्ली पर आक्रमण करने के लिए अपनी यात्रा प्रारंभ प्रारंभ की और झेलम नदी को पार करते हुए भटनेर या भाटनेर (आधुनिक राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में) के किले पर आक्रमण किया ।

*उस समय भटनेर पर दुलचांद का शासन था परंतु दुलचांद ने तैमूर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था ।

*दुलचांद के आत्मसमर्पण करने के बावजूद तैमूर ने भटनेर में खूब लूटपाट मचाई और किले में तोड़फोड़ की ।

*दिसंबर 1398 में तैमूर दिल्ली के निकट पहुंचा और दिल्ली के शासक नासिरुद्दीन महमूद शाह तुगलक ने अपने वजीर मल्लू इकबाल के साथ मिलकर तैमूर को रोकने का प्रयास किया परंतु पराजय का सामना करना पड़ा ।

*इस पराजय के बाद नासिरुद्दीन महमूद शाह तुगलक गुजरात भाग गया और मल्लू इकबाल बुलंदशहर (आधुनिक उत्तर प्रदेश में) चला गया था ।

*18 दिसंबर 1398 को तैमूर ने दिल्ली में प्रवेश किया परंतु दिल्ली के आम लोगों का तैमूर के सैनिकों के साथ विवाद हो गया और इसी विवाद के चलते तैमूर ने कत्लेआम का आदेश दे दिया जिसमें असंख्य बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को कत्लेआम किया गया ।

*दिल्ली में यह सिलसिला 15 दिनों तक चलता रहा क्योंकि तैमूर की सेना को कोई रोकने वाला नहीं था ।                                                                         

*दिल्ली का यह कत्लेआम इतिहासकार शम्स ए सिराज ने अपनी आंखों से देखा था और इसका विस्तार पूर्वक वर्णन अपने तारीख ए फिरोजशाही ग्रंथ में किया ।

*दिल्ली को लूटने के बाद तैमूर ने खिज्र खां को पंजाब, मुल्तान और दीपालपुर का सूबेदार बनाया था ।

*जनवरी 1399 में, तैमूर मेरठ, हरिद्वार, कांगड़ा और जम्मू कश्मीर को लूटता हुआ वापस समरकंद चला गया था ।

*18/19 फरवरी 1404/5 को तैमूर की मृत्यु हो गई थी ।

*तैमूर का मकबरा आधुनिक उज्बेकिस्तान के समरकंद में स्थित है ।

*तैमूर का शासनकाल 1369 से 1405 के मध्य में था ।

*भारत में मुगल वंश की स्थापना करने वाले बाबर को तैमूर का ही वंशज माना जाता है ।

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