कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी और उनका सम्पूर्ण इतिहास | Qutub Ud din Mubarak shah Khilji history |

 

ऐतिहासिक तथ्य

तारीख ए फ़िरोजशाही

दिल्ली सल्तनत का इतिहास जानने के लिए वैसे तो बहुत सारे ग्रन्थ हैं लेकिन तारीख ए फ़िरोजशाही में जो जानकारी प्रदान की गई है वो सबसे अलग है और इसीलिए भारतीय इतिहासकारों ने इसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में शामिल किया है | तारीख ए फ़िरोजशाही की रचना ज़ियाउद्दीन बरनी के द्वारा फ़ारसी शाखा में की गई थी तथा इसमें क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी और मुबारक हसन पर विशेष चर्चा की गई है |

क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी का इतिहास

*अप्रैल 1316 में मुबारक खां ने क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी की उपाधि धारण कर दिल्ली का सिंहासन प्राप्त किया था |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी को अलाउद्दीन खिलज़ी का दूसरा पुत्र माना जाता है |

*दिल्ली का शासक बनने के बाद क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी ने अल इमाम - उल इमाम, खलाफ़त उल लाह और अल वासिक बिल्लाह जैसी प्रख्यात उपाधियाँ धारण कीं |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी को दिल्ली सल्तनत का पहला शासक माना जाता है जिसने स्वयं को खलीफ़ा घोषित किया था |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी को दिल्ली सल्तनत का पहला शासक माना जाता है जिसने अरबी खलीफ़ा की सत्ता स्वीकार नहीं की |

*ज़ियाउद्दीन बरनी ने अपने ग्रन्थ तारीख ए फ़िरोजशाही में लिखा है – मुबारक खिलज़ी कभी - कभी नग्न होकर दरबार में घूमता था और उसे नग्न स्त्री/पुरुष की संगत बहुत पसन्द थी |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी ने अपने परम मित्र मुबारक हसन को ख़ुसरो खां की उपाधि प्रदान की थी |

*मुबारक हसन को मूल रूप से हिन्दू बिरादु जाति का माना जाता है जिसे 1305 में आइनउलमुल्क ने मालवा से बंदी बनाया था |

*ज़ियाउद्दीन बरनी के अनुसार क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी, मुबारक हसन के साथ खुलेआम आलिंगन/चुम्बन करता था |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी के शासनकाल में राजस्थान के सभी राजाओं ने स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया था |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी ने अपने सभी भाइयों ख़िज्र खां, सादी खां और ज़फर खां की हत्या करवा दी थी क्योंकि उन्होंने मुबारक शाह खिलज़ी की हत्या करने का प्रयत्न किया था |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी और शेख़ निज़ामुद्दीन औलिया के मध्य द्वेष रहता था |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी ने कहा था कि जो व्यक्ति शेख़ का सिर काट कर मेरे पास लाएगा, में उसे 1 हज़ार टके पुरुस्कार स्वरूप प्रदान करूँगा |       

*जियाउद्दीन बरनी ने अपने तारीख ए फ़िरोजशाही ग्रन्थ में लिखा है कि मुबारक हसन (ख़ुसरो खां) ने अपने बिरादु सैनिकों के साथ मिलकर अप्रैल/जुलाई 1320 में क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी की हत्या कर स्वयं को दिल्ली का शासक घोषित कर दिया था |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी का शासनकाल 1316 – 1320 के मध्य माना जाता है |

*क़ुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलज़ी को खिलज़ी वंश का अंतिम शासक माना जाता है |

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