हसन निज़ामी और उनका ताज उल मासिर ग्रन्थ | हसन निज़ामी का इतिहास | Hasan Nizami and Taj ul Masir |

ताज उल मासिर

*ताज उल मासिर ग्रन्थ की रचना हसन निजामी के द्वारा अरबी भाषा में की गई थी |

*हसन निजामी का वास्तविक नाम सदरुद्दीन मुहम्मद हसन निजामी था |

*हसन निजामी मूल रूप से खुरासान में स्थित निशापुर (आधुनिक ईरान में) के निवासी थे |

*निशापुर में मंगोलों ने आक्रमण किया, उसी समय निजामी भागकर भारत आए और कुतुबुद्दीन ऐबक के यहाँ नौकरी प्रारम्भ की |

*हसन निजामी ने ताज उल मासिर ग्रन्थ की रचना कुतुबुद्दीन ऐबक के ही शासनकाल में प्रारम्भ की थी और इस ग्रन्थ की समाप्ति इल्तुतमिश के शासनकाल में हुई |

*ताज उल मासिर ग्रन्थ में अरबी और फारसी भाषा का मिश्रण है वैसे तो मूल रूप से यह ग्रन्थ अरबी भाषा में लिख गया है परन्तु इसमें कहीं - कहीं फारसी भाषा का भी प्रयोग भी देखने को मिलता है |

*तज उल मासिर ग्रन्थ का अंग्रेजी में अनुवाद इलियट और डाउसन ने किया है |

*ताज उल मासिर ग्रन्थ भारतीय इतिहास को जानने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथो में से एक माना जाता है |

*हसन निजामी के द्वारा लिखे गए ताज उल मासिर ग्रन्थ में भारतीय समाज और संस्कृति का भी विस्तार से वर्णन किया गया है जिसमें शहर, उत्सव और मेलों का भी वर्णन भी देखने को मिलता है |

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ