चेदि के कलचूरि वंश का इतिहास | Kalchuri vansh ka itihas |

 कलचूरि वंश का परिचय

हमारे देश में कलचूरि नाम के कई राजवंश हुए परन्तु में यहाँ पर चेदि यानि बुन्देलखण्ड के कलचूरि वंश की बात कर रहा हूँ और सभी कलचूरि वंश के राजाओं ने स्वयं को अर्जुन का वंशज अपने अभिलेखों में बताया है | चेदि के कलचूरि वंश की स्थापना 9वी शताब्दी में कोक्कल प्रथम के द्वारा बुन्देलखण्ड के दक्षिणी भाग में की गई थी जिसकी राजधानी आधुनिक मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित त्रिपुरी नामक स्थान पर थी और इस वंश का राजकीय चिन्ह नन्दी (बैल) था | चेदि के कलचूरि वंश की जानकारी बड़ोदा अभिलेख और उदयपुर अभिलेख के अलावा किसी अन्य ग्रन्थ में कम मिलती है परन्तु उस समय के समकालीन राजाओं के अभिलेख तथा साहित्य में चेदि के कलचूरि राजाओं की जानकारी जरुर मिलती है |

कोक्कल प्रथम

*कोक्कल प्रथम को चेदि के कलचूरि वंश का संस्थापक माना जाता है |

*कोक्कल प्रथम का शासनकाल संभवता 875 – 925 ई. के मध्य में था परन्तु कुछ इतिहासकार उनका शासनकाल 845 – 878 ई. के मध्य मानते हैं |

*कोक्कल प्रथम की राजधानी त्रिपुरी (जबलपुर के पास) में थी |

*कोक्कल प्रथम का विवाह चन्देल वंशीय राजकुमारी नट्टा के साथ हुआ था |

*कोक्कल प्रथम के बाद कई राजा हुए परन्तु उनका इतिहास उपलब्ध नहीं है |

गांगेय देव

*गांगेय देव का शासनकाल संभवता 1019 – 1041 ई. के मध्य में था |

*गांगेय देव ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की थी |

*गांगेय देव ने बनारस और भागलपुर के राजाओं को पराजित करके उनके साम्राज्य को अपने अधीन कर लिया था |

लक्ष्मीकर्ण

*लक्ष्मीकर्ण, गांगेय देव के पुत्र तथा उत्तराधिकारी थे |

*लक्ष्मीकर्ण का शासनकाल संभवता 1041 – 1072 ई. के मध्य में था |

*लक्ष्मीकर्ण का वास्तविक नाम कर्ण था |

*लक्ष्मीकर्ण ने चालुक्य राजा भीम प्रथम के साथ मिलकर मालवा को विजित किया था |

*लक्ष्मीकर्ण और बंगाल के पाल वंशीय राजा नयपाल के मध्य भीषण युद्ध हुआ था परन्तु विक्रमशिला विश्वविद्यालय के बौद्ध दार्शनिक दीपांकर श्रीज्ञान के द्वारा दोनों राजाओं के मध्य में एक संधि करवाई गई थी जिसकी शर्त के अनुसार लक्ष्मीकर्ण ने अपनी पुत्री यौवनश्री का विवाह नयपाल के पुत्र विग्रहपाल द्वितीय के साथ किया था |

*लक्ष्मीकर्ण के बाद यशकर्ण (1073 – 1123 ई.), गयाकर्ण (1123 – 1151 ई.), नरसिंह (1151 – 1161 ई.) आदि राजा हुए परन्तु कोई भी शक्तिशाली राजा नहीं हुआ और कुछ इतिहासकार के अनुसार देवगिरि के यादव राजाओं ने कलचूरि वंश के अंतिम राजा को पराजित करके सम्पूर्ण राज्य को अपने अधीन कर लिया था |

चेदि के कलचूरि राजा और उनका शासनकाल

1.कोक्कल प्रथम [875 – 925 ई.]

2.गांगेय देव [1019 – 1041 ई.]

3.लक्ष्मी कर्ण [1041 – 1072 ई.]

4.यशकर्ण [1073 – 1123 ई.]

5.गयाकर्ण [1123 – 1151 ई.]

6.नरसिंह  [1151 – 1161 ई.]

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1 टिप्पणियाँ

  1. Dear Sir, My Hindi is not too good. I would love to have a translation of your lecture on the Kalchuri Dynasty. I am familiar with the present day Kalchuri's.

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यह Post केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टी से लिखा गया है ....इस Post में दी गई जानकारी, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त [CLASS 6 से M.A. तक की] पुस्तकों से ली गई है ..| कृपया Comment box में कोई भी Link न डालें.

प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye

मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu

आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3

सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD