कण्व वंश का परिचय
कण्व वंश के
प्रथम राजा वासुदेव थे परन्तु उससे पहले वासुदेव के पूर्वज शुंग वंश के राजाओं के
यहाँ सामंत थे वैसे तो कण्व वंश का इतिहास उपलब्ध नहीं है परन्तु कण्व वंश का कुछ
इतिहास पुराणों तथा बाणभट्ट के ग्रन्थ हर्षचरित्र में मिलता है | कण्व वंश के राजा
मूल रूप से कहाँ के रहने वाले थे इसकी जानकारी न तो पुराणों में है और न ही
हर्षचरित्र ग्रन्थ में प्रदान की गई है इसीलिए ये कहपाना बहुत मुश्किल है कि कण्व
वंश के राजा किस धर्म तथा किस जाति से सम्बंधित थे परन्तु कुछ इतिहासकारों ने कण्व
वंश के राजाओं को बौद्ध धम्म तथा हिन्दू धर्म दोनों से सम्बंधित बताया है |
1.वासुदेव
*73 ई. पू. में
वासुदेव के द्वारा शुंग वंश के अंतिम राजा भवभूति के हत्या करके वासुदेव ने मगध
में कण्व वंश की स्थापना की थी |
*वासुदेव का
शासनकाल 73 – 66 ई. पू. के मध्य में था |
*कण्व वंश के
राजाओं की पहली राजधानी पाटिलपुत्र और दूसरी राजधानी विदिशा में थी |
2.भूमिमित्र
*भूमिमित्र का
शासनकाल 66 – 52 ई. पू. के मध्य में था |
3.नारायण
*नारायण का
शासनकाल 52 – 40 ई. पू. के मध्य में था |
4.सुशर्मन
*सुशर्मन का
शासनकाल 40 – 30 ई. पू. के मध्य में था |
*सुशर्मन को कण्व
वंश का अंतिम राजा माना जाता है |
*सुशर्मन की
हत्या 30 ई. पू. में सिमुक के द्वारा कर दी गई थी और मगध पर एक नए राजवंश सातवाहन
का उदय हुआ था |
0 टिप्पणियाँ
यह Post केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टी से लिखा गया है ....इस Post में दी गई जानकारी, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त [CLASS 6 से M.A. तक की] पुस्तकों से ली गई है ..| कृपया Comment box में कोई भी Link न डालें.
प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye
मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu
आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3
सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD