
सिकंदर का इतिहास
*सिकंदर का
शासनकाल 336 से 323 ई. पू. के मध्य में था |
*सिकंदर का जन्म
20 या 21 जुलाई 356 ई. पू. में यूनान के मकदूनिया (आधुनिक
मेसिडोनिया, ग्रीक) में हुआ था |
*सिकंदर का
वास्तविक नाम सिकंदर तृतीय था जिसे अंग्रेजी इतिहासकारों ने अलेक्ज़ेंडर
द ग्रेट भी कहा है |
*सिकंदर के पिता
का नाम फ़िलिप द्वितीय था जो मकदूनिया के राजा थे तथा उनका शासनकाल 359
से 336 ई. पू. के मध्य में था |
*सिकंदर की माता
का नाम ओलंपियस तथा पत्नी का नाम रुख्साना था |
*सिकंदर के गुरु
अरस्तू थे जो प्रख्यात यूनान के दार्शनिक थे |
*सिकंदर 336
ई. पू. में मकदूनिया (आधुनिक मेसिडोनिया) के शासक बने और प्रारम्भिक 2 वर्षों
के अन्दर उन्होंने एक मजबूत सेना का निर्माण किया |
*सिकन्दर ने
सबसे पहले एशिया माइनर (आधुनिक तुर्की का मध्य भाग) पर आक्रमण किया उसे
जीतकर अपने अधीन किया |
*सिकन्दर ने
दूसरा आक्रमण मिस्त्र (एशिया और अफ्रीका महाद्वीप के मध्य) पर किया और उसे
भी अपने अधीन कर लिया |
*सिकन्दर का
तीसरा आक्रमण ईराक के विरुद्ध किया था जिसमें सिकंदर ने बेबीलोन पर अधिकार
कर लिया था |
*सिकन्दर ने
चौथा आक्रमण ईरान के शासक डेरियस के विरुद्ध था डेरियस युद्ध के मैदान से
भाग गया और सिंकदर ने ईरान की राजधानी पार्सिपोलिस पर आसानी से अधिकार कर
लिया था |
*सिकंदर का अगला
निशाना जम्बूद्वीप (आधुनिक भारत) था परन्तु उससे पहले सिकंदर को अनेक पहाड़ी
जनजातियों से युद्ध करना पड़ा और 326 ई. पू. में सिकंदर तक्षशिला (आधुनिक पाकिस्तान
में) में पहुँच गया उस समय तक्षशिला के राजा आम्भी थे परन्तु आम्भी ने सिकंदर के
सामने आत्मसमर्पण कर दिया था |
*सिकंदर का
अंतिम मुकाबला पंजाब के राजा पोरस से हुआ जो तक्षशिला के राजा आम्भी के परम शत्रु
थे इसीलिए आम्भी ने पोरस को हराने के लिए सिकन्दर का साथ दिया था | पोरस ने सिकंदर
के साथ युद्ध करने का निश्चय किया और विशाल सेना लेकर सिकंदर के सामने पहुँच गया |
सिकन्दर ने पोरस की विशाल सेना को देखकर कहा - आखिर वह भय मेरे सामने खड़ा है और मुझे ललकार रहा है, आज
मेरा मुकाबला जंगली जानवरों जैसे असाधारण व्यक्तियों से हुआ है |
*सिकंदर और पोरस
की सेनाओं के मध्य युद्ध हुआ शुरुआत में पोरस ने सिकंदर को तगड़ी मात दी परन्तु अंत
में वारिस होने लगी जिसके कारण पोरस के हथियारों ने काम करना बंद कर दिया और
सिकंदर की जीत का रास्ता साफ हो गया | कुछ समय में ही सिकन्दर ने पोरस की सेना को
हरा दिया, युद्ध हारने के बाद पोरस को सिकंदर के सामने उपस्थित किया गया, सिकन्दर ने
पोरस से पूछा, तुम्हारे साथ कैसा व्यवहार किया जाए तो पोरस ने उत्तर दिया - जैसा राजाओं के साथ किया जाता है
|
*पोरस की ये बात
सुनकर सिकंदर ने पोरस का सारा राज्य वापिस कर दिया था | सिकंदर 19 महीनों तक
जम्बूद्वीप (आधुनिक भारत) में रहा और उस दौरान सिकन्दर ने सिन्ध (आधुनिक पाकिस्तान
में) के सभी राजाओं को अपने अधीन कर लिया था | इसके बाद सिकंदर ने आगे बढ़ने का
निश्चय किया परन्तु वहां के स्थानीय राजाओं ने सिकंदर की सेना को पहले ही बता दिया
था कि अभी तो शुरुआत है, मगध बहुत दूर है उससे पहले कई राजाओं से तुम्हारा युद्ध
होगा तथा मगध के पास हमसे भी बड़ी विशाल सेना है जिसे तुम हरा नहीं सकते |
*सिकंदर ने अपनी
सेना को आगे बड़ने के लिए बहुत प्रोत्साहित किया परन्तु सिकन्दर की सेना ने मगध की
सीमा में प्रवेश करने से इंकार कर दिया था और अंत में सिकन्दर को मजबूर होकर वापस
मकदूनिया लौटना पड़ा परन्तु 10 या 11 जून 323 ई. पू. को बेबीलोन में
सिकन्दर की बुखार के कारण मृत्यु हो गई |
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प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye
मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu
आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3
सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD