16 महाजनपदों का इतिहास और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य..| History of 16 Mahajanapadas...|

महाजनपद काल

लगभग 600 ई.पू. के आस-पास महाजनपदों का उदय हुआ था और इसकी जानकारी बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय, महावस्तु और जैन ग्रन्थ भगवती सूत्र में प्रदान की गई है तथा इनकी संख्या उस समय 16 थी |

1.मगध - सभी महाजनपदों में मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद था और इसकी राजधानी गिरिव्रज या राजगृह में थी | मगध आधुनिक विहार के पटना, बोधगया और शाहाबाद के हिस्से में बसा हुआ था |

2.अंग - इसकी राजधानी चम्पा में थी | अंग आधुनिक विहार के भागलपुर तथा मुंगेर के हिस्से में बसा हुआ था |

3.वज्जी - यह महाजनपद आधुनिक उत्तरी विहार के हिस्से में बसा हुआ था और इसकी राजधानी तीन क्षेत्रों में विभाजित थी | यह महाजनपद 8 गणराज्यों का संघ था जिसमें लिच्छवी, विदेह और ज्ञात्रिक कुल महत्वपूर्ण थे | लिच्छवी कुल की राजधानी वैशाली में थी | विदेह कुल की राजधानी मिथिला में थी और ज्ञात्रिक कुल की राजधानी कुण्डग्राम में थी तथा इसी कुल के महावीर स्वामी थे |

4.मल्ल - यह महाजनपद आधुनिक उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के क्षेत्र में बसा हुआ था | मल्ल राज्य एक संघ राज्य था और इसकी दो शाखाएँ थीं एक शाखा की राजधानी कुशीनगर में थी और यहीं पर भगवान बुद्ध को निर्वाण (मृत्यु) प्राप्त हुआ था | मल्लों की दूसरी राजधानी पावा में थी और यहीं पर महावीर स्वामी की मृत्यु हुई थी |   

5.काशी - इसकी राजधानी वाराणसी में थी और 23 जैन तीर्थंकर पाशर्वनाथ यहीं के रहने वाले थे |

6.चेटि या चेदि - इस महाजनपद में आधुनिक बुन्देलखण्ड का क्षेत्र आता था और इसकी राजधानी शक्तिमती (सोत्थिवती) में थी |   

7.वत्स या वच्छ - यह महाजनपद आधुनिक प्रयागराज (इलाहाबाद) के आस-पास बसा हुआ था और इसकी राजधानी कौशाम्वी (आधुनिक कौसम गांव) में थी और महाजनपद काल में यह व्यापारिक केंद्र था |

8.पांचाल - यह महाजनपद वर्तमान उत्तर प्रदेश के बदायूं, बरेली और फर्रुखाबाद जिले में बसा हुआ था और यह दो भागों में विभाजित था - उत्तरी तथा दक्षिणी | उत्तरी पांचाल की राजधानी अहिच्छत्र में और दक्षिणी पांचाल की राजधानी काम्पिल्य (फर्रुखाबाद के कम्पिल) में थी |

9.कोशल - यह महाजनपद आधुनिक अवध राज्य में बसा हुआ था और इसकी राजधानी आधुनिक उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में थी | शाक्यों का गणराज्य इसी के अंतर्गत आता था |

10.कुरू - यह महाजनपद आधुनिक दिल्ली और मेरठ के आस-पास बसा हुआ था और इसकी राजधानी इन्द्रप्रस्थ में थी |

11.शूरसेन - वर्तमान उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का क्षेत्र इस महाजनपद के अंतर्गत आता था और इसकी राजधानी मथुरा में थी |

12.अवंति - यह महाजनपद आधुनिक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ भागों में बसा हुआ था और इसकी दो राजधानियां थी - उत्तरी अवंति और दक्षिणी अवंति | उत्तरी अवंति की राजधानी उज्जैन में थी और दक्षिणी अवंति की राजधानी माहिष्मति (मध्य प्रदेश) में थी |

13.अश्मक - यह महाजनपद आधुनिक आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी के तट पर बसा हुआ था और इसकी राजधानी पोतना या पोटिल में थी | इस महाजनपद के अंतर्गत पूरा दक्षिण भारत आता था |

14.मत्स्य - यह महाजनपद वर्तमान में राजस्थान के जयपुर जिले के आस-पास बसा हुआ था और इसकी राजधानी विराट नगर (आधुनिक अलवर और भरतपुर के आस-पास) में थी |

15.कम्बोज - यह महाजनपद गांधार महाजनपद का पडोसी राज्य था और इसकी राजधानी राजौरी या हजारा में थी | यह महाजनपद विशेषतौर पर घोड़ों के व्यापार के लिए प्रसिद्ध था |

16.गांधार - यह महाजनपद आधुनिक पाकिस्तान के पेशावर और रावलपिंडी क्षेत्र में स्थित था और इसकी राजधानी तक्षशिला में थी | तक्षशिला विद्या और व्यापार का प्रसिद्ध नगर था और यहाँ पर देश/विदेश से छात्र पढ़ने आते थे |

इस सभी महाजनपदों में मगध महाजनपद बहुत शक्तिशाली था | मगध पर हर्यक वंश का उदय हुआ जिसके संस्थापक सम्राट बिम्बिसार हुए जो भगवान बुद्ध के समकालीन थे |            

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