लॉर्ड लिटन का सम्पूर्ण इतिहास...| Lord Litton's complete history ...|


लॉर्ड लिटन का इतिहास

*लॉर्ड लिटन का जन्म 8 नवम्बर 1831 ई. को ब्रिटेन में हुआ था |
*लॉर्ड लिटन का कार्यकाल 12 अप्रैल 1876 से 8 जून 1880 ई. तक था |
*लॉर्ड लिटन का  वास्तविक नाम रॉवर्ट बुलवेर लिटन एडवर्ड था |
*लॉर्ड लिटन एक प्रख्यात साहित्यकार, निबंधकार और उपन्यासकार भी थे इसीलिए उन्हें ओवेन मेरेडिथ के नाम से भी जाना जाता था |
*लॉर्ड लिटन के कार्यकाल 1866-1877 ई. के मध्य में मुम्बई, मद्रास, हैदराबाद आदि स्थानों पर भीषण अकाल पड़ा था जिसके कारण 1877-78 ई. में लॉर्ड लिटन ने रिचर्ड स्ट्रेची के नेतृत्व में एक अकाल-आयोग का गठन किया था |
*लॉर्ड लिटन के द्वारा 1 जनवरी 1877 ई. को दिल्ली दरबार का आयोजन किया और ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को आमंत्रित करके उन्हें  कैसर ए हिन्द की उपाधि से सम्मानित किया था |
*1877 ई. में लॉर्ड लिटन के द्वारा अलीगढ़ में एक मुस्लिम एंग्लो प्राच्य महाविधालय की स्थापना करवाई थी |

मुस्लिम एंग्लो प्राच्य महाविधालय                                                                    

1873 ई. में समाज सुधारक सैय्यद अहमद खां ने अलीगढ़ में एक प्राथमिक स्कूल की स्थापना की थी जिसे 1875-76 ई. में हाई स्कूल और 1877 ई. में लॉर्ड लिटन के द्वारा नया भवन बनाकर महाविधालय का दर्जा प्रदान किया गया था | 1920 ई. में इसी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविधालय का दर्जा प्रदान किया |
*लॉर्ड लिटन के ही कार्यकाल 1878 ई. में द्वितीय अफ़गान युद्ध हुआ था जो 1880 ई. में समाप्त हुआ था |

द्वितीय अफ़गान युद्ध क्या था...?

*दरअसल, द्वितीय अफ़गान युद्ध 1878 से 1880 ई. के मध्य ब्रिटिश भारत और अफगानिस्तान के बीच हुआ था | इसका मुख्य कारण ब्रिटेन और रूस दोनों चाहते थे कि अफगानिस्तान हमारा उपनिवेश बने इसीलिए दोनों अफगानिस्तान पर अपना-अपना अधिकार करना चाहते थे लेकिन उस समय के अफ़गान शासक शेर अली खान ने दोनों के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था | लॉर्ड लिटन ने 1878 ई. में अंग्रेजी सेना अफगानिस्तान भेजी जिसने 1880 ई. तक अफगानिस्तान के सभी क्षेत्रों पर अधिकार कर किया था |  
*लॉर्ड लिटन के कार्यकाल मार्च 1878 ई. में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट जिसे भारतीय समाचारपत्र अधिनियम भी कहा जाता है, पारित करके कुछ अन्य समाचार पत्रों जैसे सोम प्रकाश, अमृत बाजार पत्रिका, भारत मिहिर और आनंद मठ पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था | पायनियर अख़बार ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट का समर्थन किया था |
*भारतीय शस्त्र अधिनियम 1878 ई. में ही पारित किया गया था जिसके अनुसार अगर किसी व्यक्ति को अपने पास शस्त्र (हथियार) रखना है तो उसे लाइसेंस की जरूरत अनिवार्य कर दी गई थी |
*लॉर्ड लिटन के ही कार्यकाल 1878-79 ई. में सिविल सेवा परीक्षाओं में शामिल होने के लिए आयु 21 वर्ष से कम करके 19 वर्ष कर दी गई थी |
*1880 ई. में लॉर्ड लिटन ने वायसराय के पद से त्याग पत्र दे दिया था और वापस इंग्लैंड चले गए थे |   


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ