लॉर्ड हार्डिंग का सम्पूर्ण इतिहास...| Lord Hardinge's entire history ...|


लॉर्ड हार्डिंग

*लॉर्ड हार्डिंग का कार्यकाल जुलाई 1844 से जनवरी 1848 ई. तक था |
*लॉर्ड हार्डिंग के कार्य में सबसे महत्वपूर्ण कार्य नरबलि प्रथा पर प्रतिबन्ध माना जाता है क्योंकि इस समय  भारत में नरबलि प्रथा का खूब प्रचलन था जिसमें देवताओं को खुश करने के लिए आदमियों की बलि दी जाती थी |
*लॉर्ड हार्डिंग के कार्यकाल के दौरान ही प्रथम आँग्ल सिक्ख युद्ध हुआ था जो 1845 से 1846 ई. के मध्य चला था इस युद्ध में अंग्रेजों की विजय हुई थी |
*इस युद्ध में सिक्खों की पराजय लालसिंह, तेजसिंह, गुलाबसिंह के विश्वासघात के कारण हुई थी इसीलिए मजबूर होकर सिक्खों ने अंग्रेजों के साथ लाहौर की संधि स्वीकार की थी |
*लाहौर की संधि 9 मार्च 1846 ई. को सिक्ख एवं अंग्रेजों के मध्य हुई थी |
लाहौर संधि की प्रमुख शर्तें
1.लालसिंह को दिलीप सिंह का मंत्री और रानी झिंदन को उसकी संरक्षिका बना दिया |
2.लाहौर में अंग्रेजों की सेना रखी गई |
3.हेनरी लॉरेन्स को लाहौर में ब्रिटिश रेजीडेंट नियुक्त किया गया |   

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