लॉर्ड वेलिंगटन का सम्पूर्ण इतिहास....| The complete history of Lord Wellington...|


जब लॉर्ड वेलिंगटन भारत के वायसराय थे तो उनके कार्यकाल में अनेक कार्य हुए जैसे - दूसरा गोलमेज सम्मेलन,  साम्प्रदायिक - पंचाट की घोषणा, पूना समझौता, तीसरा गोलमेज सम्मेलन और भारत शासन अधिनियम 1935 | 

लॉर्ड वेलिंगटन

*लॉर्ड वेलिंगटन का कार्यकाल 18 अप्रैल 1931 से 18 अप्रैल 1936 ई. तक  था |
*लॉर्ड वेलिंगटन के कार्यकाल में 7 सितम्बर 1931 को द्वितीय गोलमेज सम्मलेन हुआ था |

द्वितीय गोलमेज सम्मलेन

दरअसल...द्वितीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन 7 सितम्बर से 1 दिसम्बर 1931 ई. के मध्य इंग्लैंड में किया गया था जिसमें 10 सितम्बर 1931 को कांग्रेस की ओर से महात्मा गाँधी, मदनमोहन मालवीय और सरोजनी नायडू ने भाग लिया था | कांग्रेस के अलावा मुस्लिम लीग, सिख, हिन्दू महासभा, भारतीय इसाई और निचली जातियों का प्रतिनिधित्व डॉ. आंबेडकर कर रहे थे इस गोलमेज सम्मेलन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने महात्मा गाँधी की शर्तों को छोड़कर बाकी सभी की शर्तें स्वीकार कर ली थी, कांग्रेस के लिए यह द्वितीय गोलमेज सम्मेलन असफ़ल रहा था और इसी समय लॉर्ड वेलिंगटन के द्वारा एक पत्र लिखा गया   

         “अगर महात्मा गाँधी न होता तो भारत वाकई बहुत खूबसूरत होता

           महात्मा गाँधी जो भी कदम उठाता है उसे भगवान की प्रेरणा का

           परिणाम कहता है लेकिन उसके द्वारा किए गए प्रत्येक कार्य में

          गहरी चाल होती है | हम निहायती, अव्यवहारिक और अन्धविश्वासी

         जनता के बीच रह रहे हैं जो महात्मा गाँधी को अपना ईश्वर मानती है” 

*द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने महात्मा गाँधी की शर्तें स्वीकार नहीं करने पर, 3 जनवरी 1932 को महात्मा गाँधी ने दोवारा से सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की थी |
*16 अगस्त 1932 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने एक घोषणा की जिसमें मुस्लिम, सिख, हिन्दू महासभा, इसाई और निचली जातियों को अधिकार प्रदान करने की बात कही गई परन्तु भारतीय इतिहासकारों ने इसी घोषणा को साम्प्रदायिक - पंचाट का नाम दिया |

साम्प्रदायिक - पंचाट के प्रमुख प्रावधान क्या थे...?

1.मुस्लिम, सिख और भारतीय इसाईयों के अलग निर्वाचन की व्यवस्था की जाएगी |
2.गरीब जातियों के निर्वाचन की व्यवस्था भी अलग की जाएगी |
3.प्रान्तों के शासन में 3% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएगी |
 *ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड के द्वारा साम्प्रदायिक-पंचाट की घोषणा के बाद 20 सितम्बर 1932 को पुणे की यरवडा जेल में महात्मा गाँधी ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था |

पूना समझौता क्या है..?      
                   
दरअसल...जब महात्मा गाँधी ने पुणे की यरवडा जेल में आमरण अनशन शुरू किया तो इसके बाद कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता डॉ. आंबेडकर से मिलने गए परन्तु डॉ. आंबेडकर नहीं माने | अंत में महात्मा गाँधी की पत्नी कस्तूरबा और पुत्र देवदास गाँधी डॉ. आंबेडकर से मिलने गए इसके बाद 24 सितम्बर 1932 को डॉ. आंबेडकर और महात्मा गाँधी  के मध्य एक समझौता हुआ जिसमें निचली जातियों को आरक्षण देने का वादा गया और इसी समझौते को भारतीय इतिहासकारों ने पूना - समझौता कहा है |   
*लॉर्ड वेलिंगटन के कार्यकाल में तीसरा गोलमेज सम्मेलन 17 नवम्बर 1932 को हुआ था |

तीसरा गोलमेज सम्मेलन...?

दरअसल...तीसरा गोलमेज सम्मेलन 17 नवम्बर से 24 दिसम्बर 1932 के मध्य इंग्लैंड में आयोजित किया गया था इस गोलमेज सम्मेलन में 46 भारतीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया था लेकिन कांग्रेस ने भाग नहीं लिया था | इस सम्मेलन में एक स्वेत-पत्र जारी किया गया था और उसी के आधार पर भारत शासन अधिनियम 1935 को पारित किया गया था |
*महात्मा गाँधी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन 7 अप्रैल 1934 को समाप्त कर दिया था |

भारत शासन अधिनियम 1935....?

भारत शासन अधिनियम 1935, ब्रिटिश संसद के द्वारा अगस्त 1935 में पारित किया गया था उस समय भारत के वायसराय लॉर्ड वेलिंगटन थे | भारत शासन अधिनियम में 321 अनुच्छेद और 10 अनुसूचियां थी परन्तु कांग्रेस के नेताओं ने इसे अस्वीकार किया था, जवाहरलाल नेहरू ने इसे दासता का नया चार्टर कहा तथा मदनमोहन मालवीय ने बाहर से जनत्रासदी और अन्दर से खोखला कहा था | 

भारत शासन अधिनियम 1935 के प्रमुख प्रावधान क्या थे...?

1.केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना |
2.प्रान्तों में द्वैध शासन की समाप्ति |
3.अखिल भारतीय संघ की स्थापना |
4.संघीय न्यायालय की व्यवस्था |
5.ब्रिटिश संसद की सर्वोच्चता स्थापित की गई |
6.भारत परिषद् का अंत किया गया |
7.साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली का विस्तार किया गया |
8.इसी अधिनियम के द्वारा बर्मा (आधुनिक नाम म्यांमार) को भारत के अलग किया गया था |
9.भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना की गई |
*18 अप्रैल 1936 को लॉर्ड वेलिंगटन का कार्यकाल समाप्त हो गया था |

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