लॉर्ड रिपन का इतिहास
*लॉर्ड रिपन का
जन्म 24 अक्टूबर 1827 ई. को लन्दन में हुआ था |
*लॉर्ड रिपन का
वास्तविक नाम जॉर्ज फ्रेडरिक सैमुअल रॉबिन्सन था |
*लॉर्ड रिपन का
कार्यकाल 8 जून 1880 से 13 दिसम्बर 1884 ई. तक था |
*लॉर्ड रिपन के
कार्यकाल में अनेक महत्वपूर्ण कार्य हुए उन्हीं कार्यों में सबसे पहला कार्य 1881
ई. में हुआ था प्रत्येक 10 वर्ष के बाद जनगणना करवाने का प्रावधान किया गया था |
पहली बार जनगणना लॉर्ड मेयो के कार्यकाल 1872 ई. में हुई थी |
*लॉर्ड रिपन के
कार्यकाल 1881 ई. में प्रथम कारखाना अधिनियम लागू किया गया था |
प्रथम कारखाना अधिनियम क्या था..?
1.इस अधिनियम के
तहत 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कारखानों के अन्दर काम करने पर प्रतिबन्ध लगा
दिया गया था |
2.इसी अधिनियम
के तहत 7 से 12 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को प्रति दिन 9 घंटे कार्य करना पड़ता था
|
3.प्रत्येक
महीने में 4 दिन की छुट्टी अनिवार्य कर दी गई थी |
4.यह अधिनियम
नील, कॉफ़ी और चाय की खेती पर लागू नहीं किया गया था |
5.यह अधिनियम उन कारखानों पर लागू होता था जहाँ
पर 100 से अधिक लोग कार्य किया करते थे |
*लॉर्ड रिपन के
कार्यकाल 1882 ई. में ही वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट या समाचार पत्र अधिनियम को समाप्त
किया था |
वर्नाक्यूलर
प्रेस एक्ट क्या था...?
1.वर्नाक्यूलर
प्रेस एक्ट मार्च 1878 ई. में लॉर्ड लिटन के कार्यकाल में लागू किया गया था |
2.वर्नाक्यूलर
प्रेस एक्ट के द्वारा सोम प्रकाश, आनंद मठ, भारत मिहिर और अमृत बाज़ार पत्रिका आदि
समाचार पत्रों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था |
3.वर्नाक्यूलर
प्रेस एक्ट को लागू करने का मुख्य कारण, इन समाचार पत्रों में जनता को भड़काने वाली
ख़बरें ही छपती थीं |
*लॉर्ड लिटन के
कार्यकाल में सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आयु 21 वर्ष से कम करके 19
वर्ष कर दी गई थी परन्तु लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में सिविल सेवा परीक्षा में शामिल
होने के लिए आयु 19 वर्ष से बढा कर 21 वर्ष कर दी गई थी |
*लॉर्ड रिपन के
कार्यकाल मई 1882 में स्थानीय स्वशासन से सम्बंधित एक कानून का निर्माण किया गया
था जिसके अनुसार स्थानीय स्वशासन की शुरुआत हुई और फिर गावों में बोर्ड बनाए गए और
शहरों में नगरपालिकाओं का गठन किया गया था |
*लॉर्ड रिपन के
ही कार्यकाल में विलियम हण्टर की अध्यक्षता में शैक्षिण सुधारों से सम्बंधित एक
आयोग का गठन किया गया था |
*लॉर्ड रिपन के
कार्यकाल फरवरी 1883 ई. में इल्वर्ट विधेयक प्रस्तुत किया गया लेकिन अंग्रेजों ने
इसका विरोध किया जिसे भारतीय इतिहास में स्वेत विद्रोह के नाम से जाना जाता है |
इल्वर्ट
विधेयक क्या था...?
1.इल्वर्ट
विधेयक के अनुसार भारतीय न्यायाधीशों को अंग्रेजों के विरुद्ध सुनवाई करने का
प्रावधान किया गया था |
2.इस विधेयक के
अनुसार भारतीय न्यायाधीशों को यूरोपीय कोर्ट में जज बनने का अधिकार प्रदान किया
गया था |
3.अंग्रेजों के
विरोध के कारण इस विधेयक को वापस ले लिया गया था |
*लॉर्ड रिपन को
भारत का उद्धारक, फ्लोरेंस नाईटिंगेल ने कहा था |
फ्लोरेंस नाईटिंगेल कौन थी..?
फ्लोरेंस
नाईटिंगेल का जन्म 12 मई 1820 ई. को इटली के फ्लोरेंस शहर में हुआ था लेकिन इनकी
मृत्यु 13 अगस्त 1910 ई. को लन्दन में हुई थी वैसे तो फ्लोरेंस नाईटिंगेल को
आधुनिक नर्सिंग आन्दोलन का जन्मदाता भी माना जाता है |
*13 दिसम्बर
1884 ई. लॉर्ड रिपन का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तथा वापस इंग्लैंड चले गए थे और
वहीँ पर 9 जुलाई 1909 ई. को उनकी मृत्यु हो गई थी |
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प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye
मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu
आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3
सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD