मालवा का मध्यकालीन इतिहास
*मालवा मध्यकाल
में एक प्रसिद्ध प्रान्त था जिसकी राजधानी मांडू (आधुनिक मंडाव, म.प्र.) में थी।
मांडू में बहुत सुंदर स्मारक होने के कारण उसे अल्हाद प्रदायक नगर (जिसे देखकर मन
प्रसन्न हो जाए) कहा जाता है।
*1305
ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने मालवा को जीतकर दिल्ली सल्तनत में शामिल
कर लिया था। 1398 ई. में तैमूर ने आक्रमण किया, उसके बाद दिलावर
खान गोरी ने मालवा में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की थी।
मांडू के प्रमुख दर्शनीय स्थल
*मांडू में 12
प्रमुख दरवाजे हैं जिनमें दिल्ली दरवाज़ा,रामगोपाल दरवाज़ा, जहाँगीर दरवाज़ा, तारापुर
दरवाज़ा को विशेष महत्व दिया जाता है |
*जहाज महल,
हिंडोला महल, होशंगशाह का मकबरा, रानी रूपमती का महल, नहर झरोखा, बाज बहादुर महल
आदि प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं |
दिलावर खान गोरी का इतिहास
*दिलावर
खान गोरी का वास्तविक नाम हुसैन था।
*फ़िरोजशाह तुगलक
ने हुसैन को दिलावर खान की उपाधि प्रदान की थी |
*1390 ई.
में सुल्तान नासिरुद्दीन मुहम्मद ने दिलावर खान गोरी को मालवा का राज्यपाल नियुक्त
किया था।
*दिलावर
खान गोरी ने 1401 ई. में मालवा में स्वतंत्र राज्य की
स्थापना की थी।
*दिलावर
खान गोरी के समय मालवा की राजधानी धार (आधुनिक म.प्र.) में थी।
*दिलावर खान
गोरी का शासनकाल 1401 – 1406 ई. के मध्य
में था |
हुशंगशाह का इतिहास
*हुशंगशाह,
दिलावर खान गोरी का पुत्र था।
*हुशंगशाह
का वास्तविक नाम अलप खान था।
*हुशंगशाह,
प्रसिद्ध सूफी संत शेख बुरहानुद्दीन का शिष्य था।
*हुशंगशाह
ने अपनी राजधानी धार से मांडू में स्थानांतरित की।
*हुशंगशाह ने
अपना वज़ीर मलिक मुगीस को बनाया था |
*हुशंगशाह
ने नर्मदा नदी के किनारे होशंगाबाद (आधुनिक म.प्र.में) नामक नगर को बसाया था |
*हुशंगशाह
ने मांडू के किले का निर्माण करवाया था |
*दिल्ली दरवाजा मांडू
में ही स्थित है।
*हिंडोला
भवन या दरबार हॉल का निर्माण हुशंगशाह के द्वारा ही करवाया गया था ।
*हुशंगशाह को
धार्मिक रूप से सहिष्णु शासक माना जाता है |
*हुशंगशाह का
शासनकाल 1406 – 1435 ई. के मध्य में था |
मुहम्मद
शाह गोरी का इतिहास
*मुहम्मद
शाह गोरी, हुशंगशाह का पुत्र था।
*मुहम्मद
शाह गोरी का वास्तविक नाम गजनी खान था।
*मुहम्मद शाह
गोरी का शासनकाल 1435 – 1436 ई. के मध्य में था |
महमूद
खिलजी प्रथम का इतिहास
*महमूद
खिलजी प्रथम ने मालवा में खिलजी वंश की स्थापना की थी ।
*महमूद खिलज़ी
प्रथम को हुशंगशाह ने खान की उपाधि प्रदान की थी |
*1443 ई.
में महमूद खिलजी प्रथम ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया उस समय चित्तौड़
के राजा राणा कुंभा थे |
*इस युद्ध में
किसी भी शासक की स्पष्ट जीत नहीं हुई परंतु महमूद खिलजी प्रथम ने जीत का उत्सव
मनाया और मांडू में 7 मंजिली विजय स्तंभ का
निर्माण भी करवाया था।
*इसी युद्ध का
राणा कुंभा ने जश्न मनाया और चित्तौड़ में विजय स्तंभ या कीर्ति स्तंभ का निर्माण
करवाया था और इसी विजय स्तंभ को हिंदूदेवशास्त्र का चित्रित कोष भी कहा जाता है।
*महमूद खिलज़ी
प्रथम का शासनकाल 1436 – 1469 ई. के मध्य में था |
गयास
शाह या गयासुद्दीन खिलजी का इतिहास
*गयास
शाह, महमूद खिलजी प्रथम का पुत्र था।
*गयास
शाह ने इथोपियाई एवं तुर्की दासियों की एक व्यक्तिगत अंगरक्षक सेना बनाई थी।
*मांडू
में जहाज महल के निर्माण का श्रेय गयास शाह को ही प्रदान किया जाता है |
*गयास शाह का
शासनकाल 1469 – 1501 ई. के मध्य में था |
*गयास
शाह के बाद नसीर शाह शासक हुआ जिसने 1501 - 1510 ई. के मध्य शासन किया था |
महमूद
खिलजी द्वितीय का इतिहास
*महमूद
खिलजी द्वितीय ने चंदेरी के राजा रायचंद्र को मेदनी राय की उपाधि देकर अपना वजीर
(प्रधानमंत्री) नियुक्त किया था।
*1531 ई.
में गुजरात के शासक बहादुर शाह ने मालवा को गुजरात के अधीन कर लिया था।
*मालवा
1531 - 1537 ई. तक गुजरात के अधीन रहा।
*महमूद खिलज़ी
द्वितीय का शासनकाल 1510 – 1531 ई. के मध्य में था |
कादिर
शाह का इतिहास
*कादिर शाह का
वास्तविक नाम मल्लू खां था |
*मल्लू खां को
कादिर शाह की उपाधि, गुजरात के शासक इमादुल मुल्क ने प्रदान की थी |
*कादिर
शाह के शासनकाल में मालवा पर शेरशाह सूरी ने आक्रमण किया था ।
*शेरशाह
सूरी ने शुजाअत खान को मालवा का राज्यपाल नियुक्त किया था ।
*कादिर शाह का
शासनकाल 1537 – 1542 ई. के मध्य में था |
बाज
बहादुर का इतिहास
*बाज बहादुर का
वास्तविक नाम मियाँ बायजीद था |
*बाज बहादुर के
शासनकाल में मालवा संगीत, नृत्य और त्योहारों का प्रमुख केंद्र बन गया था |
*रूपमती,
बाज बहादुर की प्रेयसी थी ।
*बाज
बहादुर को मालवा का अंतिम शासक माना जाता है।
*बाज बहादुर के ही शासनकाल में मुगल शासक अकबर ने 1561 ई. में मालवा को मुगल साम्राज्य में शामिल कर लिया था ।
0 टिप्पणियाँ
यह Post केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टी से लिखा गया है ....इस Post में दी गई जानकारी, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त [CLASS 6 से M.A. तक की] पुस्तकों से ली गई है ..| कृपया Comment box में कोई भी Link न डालें.
प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye
मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu
आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3
सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD