लोदी - वंश [1451-1526 ई.]
लोदी वंश का
परिचय- दिल्ली सल्तनत के सभी राजवंशों में, लोदी वंश अंतिम
राजवंश था जिसकी स्थापना 1451 ईस्वी में बहलोल लोदी ने की थी और यह प्रथम अफगान
राज्य भी माना जाता है | लोदी
वंश के तीन शासकों - बहलोल लोदी, सिकंदर लोदी और इब्राहिम
लोदी ने 1451 से 1526 ईसवी अर्थात 75 वर्षों तक शासन किया था | लोदी वंश के शासक मूल रूप से अफगानिस्तान के रहने वाले थे |
इब्राहिम
लोदी [ 1517- 1526 ई.]
*प्रारंभिक
इतिहास- 21
नवंबर 1517 ईसवी में सिकंदर लोदी की मृत्यु के बाद, उनके
जेष्ठ पुत्र इब्राहिम लोधी “इब्राहिम शाह” के नाम से 22 नवंबर 1517 ईसवी को सिंहासन पर बैठे, वह
लोदी वंश के अंतिम शासक थे | लोदी वंश में कुल तीन शासकों
बहलोल लोदी, सिकंदर लोदी और इब्राहिम लोदी ने 75 वर्षों तक, दिल्ली सल्तनत के अंतर्गत शासन किया और तीनों शासकों में सिकंदर लोदी का
साम्राज्य सबसे ज्यादा विस्तृत था |
*ग्वालियर
अभियान- इब्राहिम लोदी ने 1517 ईस्वी में
ग्वालियर के राजा बिक्रमजीत के विरुद्ध किया था परंतु विक्रमजीत ने आत्मसमर्पण कर
दिया था | इसी अभियान के बाद ग्वालियर को दिल्ली सल्तनत में शामिल कर लिया गया |
*मेवाड़
अभियान- 1518 ईस्वी में इब्राहिम लोदी ने मियां
मक्खन के नेतृत्व वाली सेना को, मेवाड़ के शासक
राणा संग्राम सिंह के विरुद्ध अभियान के लिए भेजा था | ग्वालियर
के निकट दोनों सेनाओं के मध्य युद्ध हुआ परंतु किसी को विजय हासिल नहीं हुई | दिल्ली सल्तनत और मेवाड़ का झगड़ा, मालवा के अधिकार
को लेकर था | उस समय मालवा के प्रधानमंत्री मेदनी राय थे |
*पानीपत
का प्रथम युद्ध- पानीपत का प्रथम युद्ध, भारत का निर्णायक एवं युग
परिवर्तन जैसा, युद्ध माना जाता है क्योंकि इस युद्ध के बाद
दिल्ली सल्तनत का अंत और मुगल वंश का प्रारंभ होता है | युद्ध की विस्तृत जानकारी बाबर की आत्मकथा “बाबरनामा”
में मिलती है | बाबर काबुल का शासक था,
बाबरनामा के अनुसार बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए पंजाब के सूबेदार
दौलत खान लोदी ने आमंत्रित किया था | इसी आमंत्रण को स्वीकार
कर बाबर ने 1524 ईस्वी में लाहौर को जीता और दिल्ली की तरफ प्रस्थान किया | पंजाब का सूबेदार दौलत खां, उसका पुत्र दिलावर खां और आलम खां, बाबर के साथ मिल
गए | 12 अप्रैल 1526 ईसवी को बाबर की सेना पानीपत के मैदान में पहुंच गई | 21
अप्रैल 1526 ईसवी को बाबर और इब्राहिम लोदी के मध्य पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ
| इब्राहिम लोदी की सेना ने बहादुरी से मुकाबला किया किंतु बाबर
की तुलगमा नीति या तुगलमा नीति एवं तोपखाने के कारण इस
युद्ध में बाबर की सेना विजयी हुई और इब्राहिम लोदी युद्ध भूमि में ही मारे गए | “इब्राहिम
लोदी भारत के एकमात्र ऐसे शासक थे जो युद्ध भूमि में ही मारे गए” | इब्राहिम लोदी की मृत्यु के साथ ही लोदी वंश तथा दिल्ली सल्तनत दोनों का अंत हो गया और भारत में एक नए राजवंश, मुगल वंश की स्थापना हुई |
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प्राचीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3G9U4ye
मध्यकालीन इतिहास PDF – http://bit.ly/3LGGovu
आधुनिक इतिहास PDF – http://bit.ly/3wDnfX3
सम्पूर्ण इतिहास PDF – https://imojo.in/1f6sRUD