लार्ड हेस्टिंग्स का इतिहास | Lord Hastings history in Hindi |

 

लार्ड हेस्टिंग्स का इतिहास

*लार्ड हेस्टिंग्स का जन्म 9 दिसम्बर 1754 को आयरलैंड के काउन्टी डाउन में हुआ था |

*लार्ड हेस्टिंग्स का पूरा नाम फ्रांसिस रॉडन हेस्टिंग्स था

*लार्ड हेस्टिंग्स के कार्यकाल में अहस्तक्षेप नीति का पूरी तरह से त्याग कर दिया गया था |

*लार्ड हेस्टिंग्स के कार्यकाल के दौरान ही, गोरखा युद्ध जो 1814 से 1816 के मध्य में चला था लेकिन बाद में अंग्रेजों और नेपाल के राजा के मध्य सुगौली की संधि हुई जिसपर 2 दिसम्बर 1815 को नेपाल के राजगुरु जगराज मिश्र और अंग्रेज लेफ्टिनेंट पेरिस ब्रेडशॉ ने हस्ताक्षर किए और 4 मार्च 1816 को इस संधि को अनुमोदित किया गया था |

सुगौली संधि की प्रमुख शर्तें

1.अंग्रेजों को कुमायूँ, गड्वाल, हिमालय का तराई क्षेत्र और सिक्किम का क्षेत्र प्राप्त हुआ |

2.काठमांडू में एक अंग्रेज रेजिडेंट रहने लगा |

3.ब्रिटिश सेना में गोरखाओं को भी भर्ती करने की अनुमती दी गई थी |

4.ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के राजा के मध्य हमेशा मित्रता और शांति रहेगी |

*सुगौली एक जगह का नाम है जो आधुनिक बिहार के चंपारण जिले में है |

*लार्ड हेस्टिंग्स के कार्यकाल में ही पिण्डारियों का दमन किया था |

कौन थे पिण्डारी?

*1798 में लार्ड वेलेजली के द्वारा शुरू की गई सहायक संधि से अनेक भारतीय सैनिक बेरोजगार हो गए थे क्योंकि देशी राजा तथा नवाबों ने अपने राज्य में अंग्रेजी सेना रखना शुरू कर दी थी | बेरोजगार भारतीय सैनिकों ने लूट, चोरी, डकैती करना शुरू कर दिया था जिससे अंग्रेजों को बड़ी परेशानी हुई क्योंकि अधिकत्तर माल अंग्रेजों तथा नवाबों का ही लूटा जाता था | अंग्रेजों ने इन्हीं चोरी, लूट, डकैती करने वालों को पिण्डारी का नाम दिया था जिसका अर्थ लुटेरों का समूह होता है |

*लार्ड हेस्टिंग्स के ही कार्यकाल में पेशवाओं का अंत भी हुआ था क्योंकि कोरेगाँव युद्ध तथा अष्टी युद्ध में हारने के बाद, अंतिम पेशवा बाजीराव द्वितीय ने 18 जून 1818 को सर माल्कम के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था |

*पेशवा बाजीराव द्वितीय को वार्षिक पेंशन पर कानपूर के पास बिठूर नामक स्थान पर भेज दिया गया था और उनके राज्य को छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज प्रताप सिंह को सौंप दिया गया था |

*लार्ड हेस्टिंग्स ने अपने निजी कोष से कलकत्ता के निकट कई वर्नाक्यूलर स्कूल भी खुलवाए थे |

*लार्ड हेस्टिंग्स के ही शासनकाल में ईसाई धर्मप्रचारकों ने श्रीरामपुर से समाचार दर्पण नामक साप्ताहिक समाचार पत्र की शुरू की थी |

*लार्ड हेस्टिंग्स ने पंजाब और आगरा प्रान्त में महालवाड़ी प्रथा को लागू किया और लगान वसूलने की जिम्मेदारी नम्बरदार नामक ग्राम समुदाय के मुखिया को सौंपी |

*महालवाड़ी व्यवस्था का प्रस्ताव सर्वप्रथम 1819 में हॉल्ट मैकेंजी द्वारा लाया गया था लेकिन 1822 में ही इसे कानूनी रूप प्रदान किया गया |

*लार्ड हेस्टिंग्स के कार्यकाल 1822 में ही टेनेन्सी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम भी पास हुआ था |                                                     

*लार्ड हेस्टिंग्स ने 1823 में अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था |

*लार्ड हेस्टिंग्स का कार्यकाल 1813 - 1823 के मध्य में था |

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